'पोर्श कार हादसा मामले में सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश...', पुलिस आयुक्त बोले- दुर्घटना के समय पूरे होश में था आरोपी
पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में पुलिस आयुक्त ने कहा कि मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के समय किशोर पूरी तरह होश में था उसे अच्छी तरह पता था कि उसके कृत्य से इस तरह का हादसा हो सकता है।उन्होंने कहा कि हमारी जांच के दौरान यह बात साफ हो गई है कि किशोर ही कार चला रहा था।
पीटीआई, पुणे। पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को पुलिस आयुक्त ने कहा कि मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई थी। ताकि यह दिखाया जा सके कि आरोपित किशोर गाड़ी नहीं चला रहा था, जबकि दुर्घटना के समय किशोर पूरी तरह होश में था, उसे अच्छी तरह पता था कि उसके कृत्य से इस तरह का हादसा हो सकता है।
पिता को सात जून तक भेजा गया न्यायिक हिरासत में
इस बीच, आरोपित के पिता विशाल अग्रवाल समेत छह लोगों को सात जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं, मामले को यरवदा पुलिस स्टेशन से क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। गौरतलब है कि पुणे के कल्याणी नगर में रविवार तड़के पोर्श कार चला रहे किशोर ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो साफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई थी।
किशोर ही चला रहा था कार- पुलिस आयुक्त
पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि हमारी जांच के दौरान यह बात साफ हो गई है कि किशोर ही कार चला रहा था। हमने घटनाक्रम से संबंधित सभी जरूरी साक्ष्य जुटा लिए हैं। उदाहरण के लिए जब किशोर घर से निकला था तो रजिस्टर में उसके कार के साथ निकलने की इंट्री है। आयुक्त ने कहा कि सीसीटीवी साक्ष्यों और चश्मदीदों के आधार पर इस बात की पुष्टि हुई है कि कार किशोर चला रहा था, जबकि ऐसा दिखाने का प्रयास किया गया कि दुर्घटना के समय कार ड्राइवर चला रहा था।
इतने सालों की हो सकती है सजा
उन्होंने कहा कि हम इस बात की जांच कर रहे हैं और ऐसी कोशिश करने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 201 (सुबूत नष्ट करना) के तहत कार्रवाई करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अदालत में पुलिस का पक्ष प्रभावी तरीके से रखने के लिए विशेष वकीलों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि सबूतों के आधार पर आरोपित को कम से कम 10 साल की सजा होगी।
थाने में पिज्जा और बर्गर खाने के आरोपों पर क्या बोले?
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि किशोर को थाने में पिज्जा और बर्गर खाने को दिए गए। उन्होंने कहा कि पिज्जा पार्टी होने के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। कुछ चश्मदीदों पर दबाव होने की शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि अगर इस तरह की बात सामने आई तो संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, पुणे की एक अदालत ने आरोपित के पिता विशाल अग्रवाल समेत छह लोगों को सात जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अभियोजन पक्ष ने आगे की जांच के लिए उनकी पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था।
लापरवाही बरतने के आरोप में दो पुलिसकर्मी निलंबित
इस मामले में पुलिस विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यरवदा पुलिस स्टेशन के इन दोनों अधिकारियों पर अपने कर्तव्य में लापरवाही बरतने का आरोप है। जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, वो घटना के बाद घटनास्थल सबसे पहले पहुंचे थे, लेकिन मामले की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारी और कंट्रोल रूम को नहीं दी थी।
नाबालिग का फर्जी वीडियो प्रसारित
इन सबके बीच, इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक वीडियो को लेकर आरोपित की मां परेशान हैं। उन्होंने पुलिस से बेटे की रक्षा करने की अपील की है। वीडियो में एक रैप गीत में आरोपित किशोर के होने का दावा करते हुए कार दुर्घटना में कैसे बच निकलने की बात बताई गई है। एक वीडियो संदेश में किशोर की मां ने कहा कि जो वीडियो प्रसारित हो रहा है वह मेरे बेटे का नहीं है। यह एक फर्जी वीडियो है। मेरा बेटा संरक्षण गृह में है।