माफिया अतीक की जमीन पर कब्जा करने वालों की पहचान में जुटी पुलिस, खंगाल रही CCTV; 2007 में गैंगस्टर एक्ट में हुई थी कुर्क
माफिया अतीक अहमद ने महात्मा गांधी मार्ग स्थित हाई कोर्ट के पास वर्ष 2006 को एक जमीन खरीदी थी। यह जमीन अब्दुल रब नामक व्यक्ति की थी। उसने इस जमीन को माफिया को बेच दिया। वर्ष 2007 में गैंगस्टर एक्ट में जमीन को कुर्क किया गया। सत्ता बदलने पर माफिया की ओर से एक प्रार्थनापत्र देकर आपत्ति लगाई गई जिसके बाद सक्षम न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन डीएम ने आपत्ति...
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद (Mafia Atiq Ahmed) की कुर्क भूखंड पर कब्जा करने वालों को चिह्नित करने में सिविल लाइंस पुलिस जुट गई है। इसके लिए आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। पुलिस को यकीन है कि जल्द ही सभी की पहचान होगी और वह सलाखों के पीछे होंगे।
माफिया अतीक अहमद ने महात्मा गांधी मार्ग स्थित हाई कोर्ट के पास वर्ष 2006 को एक जमीन खरीदी थी। यह जमीन अब्दुल रब नामक व्यक्ति की थी। उसने इस जमीन को माफिया को बेच दिया। वर्ष 2007 में गैंगस्टर एक्ट में जमीन को कुर्क किया गया।
सत्ता बदलने पर माफिया की ओर से लगाई गई आपत्ति
सत्ता बदलने पर माफिया की ओर से एक प्रार्थनापत्र देकर आपत्ति लगाई गई, जिसके बाद सक्षम न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन डीएम ने आपत्ति का निस्तारण कर दिया। कुछ समय बाद माफिया ने यहां व्यवसायिक भवन का निर्माण कराया।
2020 में माफिया के खिलाफ चले अभियान के दौरान निर्माण का मानचित्र मानक के अनुरूप न मिलने पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। इधर कुछ समय पहले सरकारी कब्जे में होने के बावजूद जमीन कब्जाने की कुछ लोग कोशिश करने लगे। उस पर अवैध निर्माण किया जाने लगा।
प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी मिली तो उन्होंने जांच कराई और फिर तीन दिन पहले एसडीएम सदर अभिषेक कुमार सिंह ने सिविल लाइंस पुलिस को तहरीर देकर एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। अब पुलिस इस अज्ञात के साथ ही अन्य कब्जा करने वालों को चिह्नित करने में जुट गई है। सिविल लाइंस पुलिस का कहना है कि कुछ नाम सामने आए हैं, जिनके बारे में जांच पड़ताल की जा रही है।
14 लाख में खरीदी थी पांच करोड़ की जमीन
हाई कोर्ट के पास माफिया अतीक द्वारा 14 लाख रुपये में जमीन खरीदी गई थी। जबकि वर्तमान में इसकी कीमत करीब पांच करोड़ है। जमीन लेते समय माफिया ने नियम के तहत 5.71 लाख की स्टांप ड्यूटी भी दी थी। हालांकि, जमीन के लिए विक्रेता को सिर्फ 14 लाख रुपये दिए गए थे। पुलिस का मानना है कि अतीक ने दबंगई के बल पर इस जमीन का सौदा किया था।