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चारधाम यात्रा के बीच तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं को लेकर विभाग लापरवाह, बदरीनाथ हाईवे पर शौचलायों में पड़े ताले; लोग परेशान

चारधाम आलवेदर रोड परियोजना के तहत बदरीनाथ हाईवे चौड़ीकरण के दौरान गौचर के पास कमेड़ा से लेकर बदरीनाथ धाम तक 20 से अधिक स्थानों पर शौचालय बनाए गए थे। लेकिन इनमें से बिरही नंदप्रयाग पुरसाड़ी व कुहेड़ बने शौचालय यात्रा शुरू होने के बाद भी बंद पड़े हैं। पुरसाड़ी स्थित शौचालय तो दो साल से बंद है। जबकि बदरीनाथ व पीपलपानी में बने शौचालयों का पानी...

By Devendra rawat Edited By: Riya Pandey Published: Sat, 25 May 2024 10:21 PM (IST)Updated: Sat, 25 May 2024 10:21 PM (IST)
बदरीनाथ हाईवे पर शौचालयों में ताले पड़े होने से तीर्थयात्री परेशान

देवेंद्र रावत, गोपेश्वर। बदरीनाथ धाम के साथ हेमकुंड साहिब की यात्रा भी शुरू हो चुकी है। जाहिर है बदरीनाथ हाईवे पर तीर्थ यात्रियों की आमद भी बढ़ी है, लेकिन संबंधित विभाग अभी भी यात्री सुविधाओं को लेकर लापरवाह बने हुए हैं।

बदरीनाथ हाईवे पर नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) ने जिन शौचालयों का निर्माण करवाया है, उनमें ये कई पर अभी भी ताले लटके हुए हैं। नतीजा, तीर्थ यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

चारधाम आलवेदर रोड परियोजना के तहत बदरीनाथ हाईवे चौड़ीकरण के दौरान गौचर के पास कमेड़ा से लेकर बदरीनाथ धाम तक 20 से अधिक स्थानों पर शौचालय बनाए गए थे। लेकिन, इनमें से बिरही, नंदप्रयाग, पुरसाड़ी व कुहेड़ बने शौचालय यात्रा शुरू होने के बाद भी बंद पड़े हैं। पुरसाड़ी स्थित शौचालय तो दो साल से बंद है। जबकि, बदरीनाथ व पीपलपानी में बने शौचालयों का पानी के अभाव में संचालन नहीं हो पा रहा।

ये सभी शौचालय चार-चार सीटर हैं और इनमें नहाने की भी सुविधा है। बताया जा रहा कि नगर क्षेत्र में बने शौचालयों के संचालन की जिम्मेदारी नगर पालिका व नगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतों की है। लेकिन, सिर्फ नगर पालिका क्षेत्रों में ही इनका संचालन हो रहा है।

शौचालय निर्माण में नहीं ली गई प्रशासन की राय

शौचालयों का उपयोग न हो पाने की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि इनका निर्माण उचित स्थान पर नहीं हुआ। अन्यथा ऐसी नौबत नहीं आती। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना का कहना है कि शौचालयों के निर्माण को स्थान चयन में एनएचआइडीसीएल ने प्रशासन की राय नहीं ली। उन्होंने कहा कि नगर क्षेत्र में स्थानीय निकाय सार्वजनिक शौचालय का संचालन करते हैं। जबकि, भीड़भाड़ वाले यात्रा पड़ावों पर यह जिम्मेदारी सुलभ शौचालय की ओर से निभाई जाती है, ताकि तीर्थ यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न हो।

बिरही के पास उपेक्षित पड़े हैं ब्रह्मकमल व हट

बदरीनाथ हाईवे पर बिरही के पास अलकनंदा नदी के किनारे पर्यटन विभाग ने तीन वर्ष पूर्व लगभग 25 लाख की लागत से राज्य पुष्प ब्रह्मकमल का प्रतीक और यात्री सुविधा के लिए हट, प्रतीक्षालय, भोजनालय व शौचालय का निर्माण कराया था। लेकिन, इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं। नतीजा यहां शराबियों का जमघट लगा रहता है, जो सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

जिला पर्यटन अधिकारी बृजेंद्र पांडे का कहना है कि बिरही के पास बनाए गए हट, यात्री प्रतीक्षालय, भोजनालय आदि का अब विभाग स्वयं संचालन करेगा। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है।

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