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UP News: विद्यार्थियों के लगातार तीन दिन स्कूल न आने पर घर भेजे जाएंगे अभिभावक, चलाया जाएगा अभियान

UP News परिषदीय स्कूलों में कम से कम 75 प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। अगर कोई विद्यार्थी लगातार तीन दिन तक विद्यालय नहीं आता है तो उसके घर बुलावा टीम जाएगी। टीम में शिक्षामित्र व अनुदेशक के साथ होनहार विद्यार्थी शामिल होंगे। यह अभिभावकों को प्रेरित करेंगे कि वह अपने बच्चे को विद्यालय जरूर भेजें।

By Ashish Kumar Trivedi Edited By: Abhishek Pandey Published: Sun, 05 May 2024 01:02 PM (IST)Updated: Sun, 05 May 2024 01:02 PM (IST)
छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने को होगी प्रतिस्पर्धा, जाएगी बुलावा टीम

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में कम से कम 75 प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। अगर कोई विद्यार्थी लगातार तीन दिन तक विद्यालय नहीं आता है तो उसके घर बुलावा टीम जाएगी। टीम में शिक्षामित्र व अनुदेशक के साथ होनहार विद्यार्थी शामिल होंगे। यह अभिभावकों को प्रेरित करेंगे कि वह अपने बच्चे को विद्यालय जरूर भेजें।

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वहीं छह दिन तक लगातार स्कूल न आने पर शिक्षक को छात्र के घर भेजा जाएगा। यही नहीं जिलों में सर्वाधिक व न्यूनतम उपस्थिति वाले 10-10 स्कूलों की सूची तैयार कर जारी की जाएगी।

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने को सघन निरीक्षण करें। प्रदेश में कुल 1.34 लाख परिषदीय स्कूलों में कुल 1.92 करोड़ विद्यार्थी पढ़ते हैं। अभी स्कूलों में औसतन 60 प्रतिशत तक विद्यार्थी उपस्थित रहते हैं।

तमाम अभिभावक अपने बच्चों को इसलिए विद्यालय नहीं भेजते क्योंकि उन्हें अपने छोटे भाई-बहनों को घर पर देखना होता है। ऐसे में उनके छोटे भाई-बहनों को बाल वाटिका और आंगनबाड़ी केंद्रों पर नामांकित कराया जाए। हर महीने सर्वोच्च व न्यूनतम उपस्थिति वाले 10-10 स्कूलों के विद्यालय वार प्रधानाध्यापकों के नाम और उपस्थिति के प्रतिशत सहित विकासखंड कार्यालय और बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रदर्शित की जाए।

ज्यादा उपस्थिति वाले प्रधानाध्यापकों को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आयोजित मासिक बैठक में उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। स्कूलों के बीच उपस्थिति बढ़ाने के लिए हर महीने प्रतिस्पर्धा होगी। वहीं शिक्षक नियमित स्कूल आएं इसके लिए जिला स्तर पर विशेष निरीक्षण टीमें भी गठित की जाएंगी।

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