Odisha Election News: कटक में चुनाव के दौरान हिंसा और झड़प, एक की मौत; ग्रामीणों ने किया मतदान का बॉयकट
शनिवार को कटक लोकसभा और इसके अंतर्गत 7 विधानसभा चुनाव क्षेत्र में पर मतदान हुआ। मतदान के दौरान कई जगहों पर गड़बड़ी के कारण मतदान देरी शुरू हुआ और कई जगह पर हिंसा और झड़प की खबरें भी सामने आईं। वहीं बारबाटी कटक विधान सभा चुनाव क्षेत्र में हरिबंध नोडल हाई स्कूल बूथ नंबर 114 पर एक महिला पोलिंग अधिकारी की भी मौत हो गई।
संवाद सहयोगी, कटक। कटक लोकसभा और लोकसभा अंतर्गत 7 विधानसभा चुनाव क्षेत्र में शनिवार को मतदान खत्म हुआ। कुल 69 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में सील हो गई है।
विभिन्न जगहों पर गड़बड़ी के कारण मतदान देरी से शुरू हुआ था और कुछ जगह पर मतदान देर रात तक भी जारी रहा। दूसरी ओर इस दौरान कई जगहों पर दुखद घटना घटी है।
महिला पोलिंग अधिकारी की हुई मौत
बारबाटी कटक विधान सभा चुनाव क्षेत्र में हरिबंध नोडल हाई स्कूल बूथ नंबर 114 में कार्य करते समय पोलिंग अधिकारी सुजाता मिश्र की मौत हो गई। उनके परिवार को 15 लाख रुपये की मुआवजा दिए जाने के घोषणा मुख्य चुनाव आयोग की ओर से की गई है।
कटक में कई जगहों पर हुई झड़प
चुनाव के दौरान कटक जिले के विभिन्न जगहों पर झड़प और उत्तेजना भी देखने को मिला है। बांकी विधान सभा बांयरा पंचायत के रामचंडी गांव के 200 नंबर बूथ में दो गुट आपस में टूट पड़े। जिसके कारण वहां पर कुछ समय के लिए मतदान प्रभावित हुआ।
ठीक उसी प्रकार कदलीबाड़ी पंचायत के 139 नंबर बूथ में रैगिंग की शिकायत की गई थी, जिसके चलते उत्तेजना फैली और पुलिस मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया। आठगड़ के राधा गोविंदपुर बूथ में बीजद विधायक उम्मीदवार रणेंद्र प्रताप स्वाइं की मौजूदगी में दो घूट एक दूसरे पर टूट पड़े।
भाजपा के बूथ एजेंट पर हमला
यहां तक की बीजद के समर्थक ने भाजपा के एक बूथ एजेंट गणेश्वर बराल के ऊपर चौकी फेंक कर उसका सर फोड़ दिया। इसके अलावा आठगड़ के अन्य कुछ बूथ में भी बीजद एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर उत्तेजना देखने को मिला।
यहां किया मतदान का बॉयकॉट
ठीक उसी प्रकार बुनियादी सुविधाओं को हल करने की मांग करते हुए चंदका डमपड़ा इलाके में बसने वाले 5 गांव के लोग मतदान को विरोध करते हुए उसका बॉयकॉट किया।
गांव के कुल 815 लोग मतदान प्रक्रिया से दूर रहे। प्रशासन के आला अधिकारी तहसीलदार, वीडियो, प्रशासन के अधिकारी लोगों को समझाने के बावजूद भी गांव वाले रूठे रहे।
उनके आरोप के मुताबिक, लगभग 60 सालों से यहां के लोग उस गांव में रहने के बावजूद उनके पास किसी प्रकार की सरकारी फायदा नहीं पहुंच पाई है और यह लोग बुनियादी सुविधाओं से काफी दूर है। यहां के लोग एक ही नल के ऊपर पूरी तरह से निर्भर कर रहे हैं।
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