Jharkhand News: बुलबुल जंगल से बरामद हथियार मामले में NIA ने दायर की चार्जशीट, आरोप पत्र में 2 नक्सलियों का भी नाम शामिल
लोहरदगा-लातेहार सीमा पर स्थित बुलबुल जंगल से बरामद 28 हथियार मामले में अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दो और नक्सलियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। जांच एजेंसी ने दोनों के खिलाफ भारतीय दंड विधि शस्त्र अधिनियम विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दायर किए गए आरोप पत्र में नामित किया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने लोहरदगा-लातेहार सीमा पर स्थित बुलबुल जंगल से बरामद 28 हथियार मामले में दो और लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। एनआईए ने जिन पर आरोप पत्र दाखिल किया है, उनमें अघनु गंझू उर्फ अग्नु गंझू व खुदी मुंडा शामिल हैं।
एनआईए ने दोनों को भारतीय दंड विधि, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दायर आरोप पत्र में नामित किया है।
जांच एजेंसी ने आरोप पत्र में क्या बताया?
एनआईए की रांची स्थित विशेष अदालत में दाखिल आरोप पत्र में जाच एजेंसी ने बताया है कि शीर्ष नक्सली एक करोड़ के इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस उर्फ बूढ़ा की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए ही नक्सली बुलबुल जंगल में जुटे थे, ताकि वे सुरक्षा बलों पर हमला कर सकें।
इसके लिए माओवादियों के 15 लाख के इनामी रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू के नेतृत्व में नक्सलियों ने हथियार व गोला-बारूद जुटाया था।हालांकि, उनका मंसूबा सफल नहीं हो पाया। इस मामले में आरोपपत्रित व्यक्तियों की कुल संख्या 31 हो गई है।
इस पूरे प्रकरण में झारखंड राज्य पुलिस ने नौ लोगों पर आरोप पत्र दायर किया था। एनआईए ने अपने हाथ में जांच लेने के बाद अगस्त व दिसंबर 2023 के बीच 20 लोगों के खिलाफ तीन पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था।
एनआईए ने 14 जून 2022 को दर्ज की थी प्राथमिकी
एनआईए ने इस पूरे प्रकरण में 14 जून 2022 को प्राथमिकी दर्ज की थी। बुलबुल जंगल में हथियार व गोला-बारूद की बरामदगी मामले में लोहरदगा के पेशरार थाने में पिछले साल 21 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
इस केस को री-रजिस्टर्ड करते हुए एनआईए ने 14 जून 2022 को आरसी-02/2022/एनआईए/आरएनसी में प्राथमिकी दर्ज की थी। सुरक्षा बलों को जानकारी मिली थी कि रवींद्र गंझू अपने सक्रिय सहयोगी बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू, बालक गंझू, दिनेश नगेशिया, शीला खेरवार, ललिता देवी व 40-60 अन्य नक्सलियों के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है।
सुरक्षा बलों ने चलाया था ऑपरेशन डबल बुल
वह सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ बाक्साइट खदान में भी हमला करने वाला है। इसी सूचना पर स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाया था। सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से हरकट्टा टोली के बहाबर जंगल व बांग्ला पाट में ऑपरेशन डबल बुल चलाया था।
सुरक्षा बलों पर सीपीआइ (माओवादी) कैडरों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इसके बाद इलाके की तलाशी में बड़ी मात्रा में हथियार व गोला-बारूद बरामद हुए थे।
एनआईए की जांच में ये हुआ खुलासा
इस पूरे प्रकरण में एनआईए ने जांच में खुलासा किया है कि प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों ने आतंकवादी, हिंसक कृत्यों और सशस्त्र विद्रोह के माध्यम से देश की अखंडता, सुरक्षा, संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने और सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची थी।
इस मामले में गिरफ्तार आरोपितों, जोनल कमांडर, सब जोनल कमांडर, एरिया कमांडर व सशस्त्र कैडरों तथा जब्त सबूतों से एनआईए ने अन्य सीपीआइ (माओवादी) कैडरों और ओवरग्राउंड समर्थकों की मिलीभगत का भी पता लगाया है।
इस मामले की जांच जारी है। एनआईए नक्सली नेटवर्क को नष्ट करने और संगठन की भारत विरोधी साजिश को नाकाम करने का प्रयास कर रही है।
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