NEET UG 2024 Exam : नीट परीक्षा में कैसे हुई धांधली? एक परीक्षार्थी की जगह जोधपुर AIIMS के छात्र ने दिया था एग्जाम
NEET Exam Fake Candidate नीट परीक्षा में कई फर्जी कैंडिडेट पकड़े गए हैं। इसके साथ ही अब एक चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ है। नीट परीक्षा में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। एक मामला यह सामने आया है कि एक फर्जी कैंडिडेट ने चार लाख रुपये परीक्षा दी थी। ऐसे में परीक्षार्थी और स्कॉलर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। NEET Exam Fake Candidate मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) में डीएवी, मालीघाट केंद्र पर यूपी के प्रयागराज के नैनी के परीक्षार्थी के बदले जोधपुर (राजस्थान) एम्स के स्कालर ने परीक्षा दी थी।
परीक्षार्थी राज पांडेय की जगह परीक्षा देने के लिए जोधपुर एम्स के तीसरे सेमेस्टर के छात्र हुकमा राम को चार लाख रुपये मिले थे। पुलिस की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है। वहीं, इस मामले में उक्त केंद्र की केंद्राधीक्षक की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
विदित हो कि परीक्षार्थी के प्रवेश पत्र व आधार कार्ड की तस्वीर में अंतर के कारण यह मामला सामने आया। शक के आधार पर केंद्र पर पूछताछ के बाद देर रविवार को शाम हुकमा राम को केंद्र से छोड़ दिया गया था।
मिठनपुरा थानाध्यक्ष रामएकबाल प्रसाद ने बताया कि सोमवार को पुलिस पदाधिकारी के बयान पर राज पांडेय व हुकमा राम व अन्य अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।
नगर पुलिस अधीक्षक ने की जांच
नगर पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने सोमवार को डीएवी मालीघाट पहुंच कर मामले की जांच की। बताया कि परीक्षा रविवार शाम करीब 5:20 बजे संपन्न हो गई थी। केंद्राधीक्षक डा.भारती नायक की ओर से इसकी सूचना मिठनपुरा थाने की पुलिस को रात 8.30 बजे दी गई थी।
इसके बाद भी आरोपित छात्र से पुलिस को मिलने नहीं दिया गया। उसे पुलिस के हवाले भी नहीं किया गया। यहीं नहीं केंद्र पर तैनात मजिस्ट्रेट को इसकी जानकारी नहीं दी गई। मजिस्ट्रेट को केंद्र के अंदर जाने से भी रोक दिया गया। केंद्राधीक्षक ने छात्र को लेकर रिपोर्ट तैयार करने की बात बताई थी।
उनसे रिपोर्ट मांगी गई तो इसे गायब बता दिया। केंद्राधीक्षक ने प्राथमिकी भी दर्ज नहीं कराई। बताया कि इससे केंद्राधीक्षक व डीएवी की प्राचार्य डॉ भारती नायक व अन्य संदेह के घेरे में हैं। जांच की जा रही है। विद्यालय में लगे सीसी कैमरे के फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
जांच में दोषी पाए जाने पर केंद्राधीक्षक के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, केंद्राधीक्षक भारती नायक ने कहा कि पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस केंद्र पर पहुंची, मगर आगे की जांच नहीं की। अब सच को पुलिस की ओर से झुठलाया जा रहा है।
बड़े रैकेट के शामिल होने की आशंका
यूपी के छात्र का बिहार के मुजफ्फरपुर के केंद्र पर परीक्षा में सम्मिलित होना, उसके बदले राजस्थान के जोधपुर एम्स के स्कालर का परीक्षा देना कई सवाल पैदा कर रहा है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि इसके पीछे कोई बड़ा रैकेट शामिल है।
पकड़ में आने के बाद भी स्कालर छात्र को पुलिस के हवाले नहीं करने से कई तरह की आशंका उत्पन्न होने लगी है। अगर उसे पुलिस के हवाले किया जाता तो पूछताछ में इस रैकेट का पर्दाफाश हो सकता था।
वहीं पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है। मामले की जानकारी होने के बाद भी स्कालर को हिरासत में लेकर पूछताछ नहीं की गई। एक दिन के बाद पुलिस सक्रिय हुई।
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