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Delhi Zoo: 'अंजूहा' के लिए असम से आएगा नया साथी, अब दुर्लभ हूलाक गिब्बन बाड़ा में मचाएगा उछल-कूद

दिल्ली के चिड़ियाघर में पांच वर्षों से अधिक समय से खाली पड़ा हूलाक गिब्बन (एक दुर्लभ बिना पूंछ वाला बंदर) का बाड़ा अब फिर से गूंज उठेगा। दर्शकों को अपनी कलाबाजियों और आवाज से लुभाने और मनरंजन करने वाले गिब्बन बंदर का बाड़ा कई वर्षों से खाली पड़ा था। लेकिन अब चिड़ियाघर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए फिर से गिब्बन बंदर को लाने की योजना है।

By Ritika Mishra Edited By: Sonu Suman Published: Thu, 18 Apr 2024 04:53 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2024 04:53 PM (IST)
दिल्ली के चिड़ियाघर में अब दुर्लभ हूलाक गिब्बन बाड़ा में मचाएगा उछल-कूद।

रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में जानवरों की अदला-बदली के साथ-साथ कुछ नए जानवरों को लाने पर तेजी से काम शुरु हो गया है। दर्शक अब चिड़ियाघर में दुर्लभ प्रजाति वाले जानवरों का भी दीदार कर सकेंगे।

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वहीं, जानवरों के संरक्षण और प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ जानवरों को असम के चिड़ियाघर भेजा जाएगा और बदले में वहां से जानवर लिए जाएंगे। चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि चिड़ियाघर में पशुओं के प्रजनन को बढ़ाने और जेनेटिक पूल को बनाए रखने की प्रक्रिया पर काम हो रहा है।

विदेशों से भी जानवरों को मंगाने की बात

इसमें गैंड़ों और रॉयल बंगाल टाइगर के प्रजनन पर काम किया जाना है। इसके अलावा विदेश के चिड़ियाघरों से भी जानवरों की अदला-बदली को लेकर बातचीत चल रही है।

फिलहाल चिड़ियाघर में दो मादा गैंड़ा (अंजूहा और माहेश्वरी) हैं। दोनों मां-बेटी लंबे समय से यहां पर रह रही हैं। इनमें 26 वर्षीय माहेश्वरी को अब अपनी बेटी 18 वर्षीय बेटी अंजूहा से बिछड़कर गुवाहाटी स्थित चिड़ियाघर जाना होगा। वहीं, अंजूहा के लिए वहां से नर गैंडा दिल्ली लाया जाएगा।

ब्रह्मपुत्र गैंडा को अमेरिका भेजा गया

इससे पहले पटना से गैंड़ा लाने की योजना थी, लेकिन वहां अधिकतर गैंड़े माहेश्वरी के भाई हैं। ऐसे में गैंड़ों के प्रजनन में एक ही खून के आगे बढ़ने से बीमारी का खतरा रहता है। माहेश्वरी ने अंजूहा के अलावा एक नर गैंडा ब्रह्मपुत्र को भी जन्म दिया था, जो कि अमेरिका भेज दिया गया था।

इसके साथ ही रायल बंगाल टाइगर के लिए भी एक साथी असम से आना है। चिड़ियाघर में फिलहाल चार रॉयल बंगाल टाइगर हैं। इसमें एक बाघ करण और तीन बाघिन सिद्धि, अदिति और बरखा हैं। अधिकारियों के मुताबिक असम चिड़ियाघर में एक बाघिन को भेजे जाने की योजना है।

पांच वर्षों बाद दिखेगा हूलाक गिब्बन

पांच वर्षों से अधिक समय से खाली पड़ा हूलाक गिब्बन (एक दुर्लभ बिना पूंछ वाला बंदर) का बाड़ा अब फिर से उसकी किलकारियों से गूंज उठेगा। दर्शकों को अपनी कलाबाजियों और आवाज से लुभाने और मनरंजन करने वाले गिब्बन बंदर का बाड़ा कई वर्षों से खाली पड़ा था। लेकिन अब चिड़ियाघर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए फिर से गिब्बन बंदर को लाने की योजना है।

वर्ष 2018 में यहां दो गिब्बन बंदर थे। जिसमें एक नर और एक मादा थी। नर बंदर कृष्णा की 2018 में बीमारी के चलते मौत हो गई थी। जिसके बाद मादा बंदर राधा अकेली पड़ गई थी और काफी गुमसुम रहने लगी थी। बाद में उसे यहां से भेज दिया गया था। उसके बाद से इनका बाड़ा खाली था। अब एक बार फिर से गिब्बन बंदर के आने से दर्शक उनकी कलाबाजियों को देख सकेंगे।

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