Move to Jagran APP

Delhi Fire: पहले भी विवादों में रहा है डॉक्टर नवीन का बेबी केयर अस्पताल, नियमों को ताक पर रखकर चल रहा था हॉस्पिटल

विवेक विहार में बेबी केयर न्यू बोर्ड अस्पताल पहले भी विवादों में रहा है फिर भी किसी संबंधित एजेंसी ने इस अस्पताल पर ध्यान नहीं दिया। शनिवार देर रात आग लगने से अस्पताल में भर्ती सात शिशुओं की मौत हो जाने के बाद पुलिस ने अब भले ही अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन व एक अन्य डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Published: Mon, 27 May 2024 08:27 AM (IST)Updated: Mon, 27 May 2024 08:27 AM (IST)
Delhi News: पहले भी विवादों में रहा है डॉक्टर नवीन का बेबी केयर अस्पताल

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। विवेक विहार में चला रहे डॉक्टर नवीन खिची का बेबी केयर न्यू बोर्ड अस्पताल पहले भी विवादों में रहा है फिर भी किसी संबंधित एजेंसी ने नियम कानून को ताक पर रखकर अवैध तरीके से चल रहे इस अस्पताल पर ध्यान नहीं दिया।

नर्स ने शिशु की कर दी थी पिटाई

करीब तीन साल पहले विवेक विहार में चल रहे बेबी केयर न्यू बोर्ड अस्पताल में कश्मीर की रहने वाली एक नर्स ने लगातार ड्यूटी करने से तंग आकर एक शिशु की इतनी पिटाई की थी कि उसके शरीर में कई जगहों पर फ्रैक्चर आ गए थे।

डॉ. नवीन के एक परिचित मुस्लिम परिवार ने अपने शिशु को इलाज के लिए इस अस्पताल में भर्ती कराया था। शिशु के रोने पर अस्पताल में काम करने वाली कश्मीर की रहने वाली नर्स ने पिटाई कर दी थी। इस घटना का वीडियो सामने आने पर पुलिस ने केवल नर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उक्त घटना के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल का

अवैध तरीके से बना लिया 14 बिस्तर

लाइसेंस रद्द नहीं किया। डा. नवीन को उस दौरान केवल पांच शिशु को रखने का लाइसेंस था। धीरे-धीरे अस्पताल में अवैध तरीके से अपने मन माफिक 14 बिस्तर बना लिया गया। पुलिस को अब यह भी जानकारी मिली है कि अस्पताल में 20-25 शिशुओं को रखा जाता था।

अस्पताल मालिक डॉ. नवीन खिची संबंधित एजेंसियों की मिलीभगत से अपने माफिक अस्पताल चलाता रहा और अग्निशमन विभाग समेत अन्य संबंधित एजेंसियां आंख मूंदे बैठी रही। मार्च में ही इस अस्पताल को चलाने की अनुमति खत्म हो गई थी, फिर भी इस पर किसी का ध्यान नहीं गया।

आग लगने से सात शिशुओं की मौत

शनिवार देर रात आग लगने से अस्पताल में भर्ती सात शिशुओं की मौत हो जाने के बाद पुलिस ने अब भले ही अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन व एक अन्य डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जिन एजेंसियों की मिलीभगत से यह अस्पताल अवैध तरीके से चलता रहा क्या उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा या नहीं?

अस्पताल का मालिक डॉ. नवीन सुरक्षा के मापदंड का पालन कर रहा था अथवा नहीं इसे जांच करने की जिम्मेदारी अग्निशमन विभाग के अलावा, दिल्ली नगर निगम, स्थानीय थाना पुलिस व दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की है। इन एजेंसियों ने घोर लापरवाही का खामियाजा आज शिशुओं व उनके निर्दोष माता-पिता को भुगतना पड़ा। निर्दोष माता-पिता को न्याय कहां तक मिल पाएगा यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

बताया जाता है कि हाल के वर्षों में डॉ. नवीन ने दिल्ली-एनसीआर में नवजात शिशुओं के लिए कई अस्पताल खोले जिनमें कुछ को इन्होंने संबंधित एजेंसियों से तालमेल न बैठ पाने के कारण बाद में बंद भी कर दिया। डा. नवीन ने कुछ साल पहले गुरूग्राम व नजफगढ़ में शिशुओं का अस्पताल खोला था जिन्हें हाल के वर्षों में उन्हें बंद करना पड़ गया। वर्तमान में डॉ. नवीन के विवेक विहार, पश्चिमपुरी व फरीदाबाद में तीन अस्पताल चल रहे हैं।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.