Delhi Fire Tragedy: अवैध रूप से चल रहा था अस्पताल, टीवी और अखबार से मिली परिजनों को सूचना; अग्निकांड की ये है दर्दनाक कहानी
बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में शनिवार रात लगी भीषण आग में झुलसकर छह नवजातों की मौत हो गई। मार्च में ही अस्पताल का पंजीकरण खत्म हो गया था दमकल की एनओसी भी नहीं थी। अवैध रूप से चल रहे इस अस्पताल में घटना के बाद रेस्क्यू किए गए 12 में से पांच नवजातों को ईस्ट दिल्ली एडवांस एनआईसीयू अस्पताल में भर्ती करवाया जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। विवेक विहार के बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में शनिवार रात लगी भीषण आग में झुलसकर छह नवजातों की मौत हो गई। मार्च में ही अस्पताल का पंजीकरण खत्म हो गया था, दमकल की एनओसी भी नहीं थी। अवैध रूप से चल रहे इस अस्पताल में घटना के बाद रेस्क्यू किए गए 12 में से पांच नवजातों को ईस्ट दिल्ली एडवांस एनआईसीयू अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
एक बच्चे की मौत आग लगने से दो घंटे पहले बीमारी की वजह से हो गई थी। हादसे के वक्त अस्पताल में दो डॉक्टरों, छह नर्स और एक सुरक्षाकर्मी मौजूद था। जो नवजातों की परवाह किए बिना अपनी जान बचाकर भाग खड़े हुए।
विवेक विहार स्थित बेबी केयर न्यू बार्न अस्पताल में आग लगने से फटे सिलेंडर।
अस्पताल संचालक गिरफ्तार
हादसे के 12 घंटे के बाद पुलिस ने अस्पताल संचालक डॉ. नवीन खीची को पश्चिम विहार से गिरफ्तार कर लिया। विवेक विहार थाना ने संचालक के खिलाफ लापरवाही से मौत समेत कई धाराओं में प्राथमिकी की है। दिल्ली सरकार और एलजी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
विवेक विहार में घटना स्थल के पास जमा हुए लोगों की भीड़।
आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं
आग लगने के कारणों पर जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है। फॉरेंसिक टीम पता लगा रही है। अस्पताल की पहली मंजिल पर नवजात भर्ती होते थे और भू-तल पर ऑक्सीजन सिलेंडर रखे जाते थे। सूत्रों का कहना है कि शनिवार रात 11:30 बजे ऑक्सीजन गैस रीफिलिंग के दौरान सिलेंडर फटा है, जिससे अस्पताल में आग लगी है।
खिड़की से बच्चों को किया रेस्क्यू
आग लगने पर कई सिलेंडर फटते चले गए और आग ने विकराल रूप ले लिया। इस आग से पड़ोस में रहने वाले ललित और धनेजा नाम के व्यक्तियों के घर भी जल गए। पुलिस व दमकल ने पीछे के रास्ते खिड़की से बच्चों को रेस्क्यू किया था। पड़ोसियों का आरोप है कि सूचना के बाद करीब आधे घंटे की देरी से एक दमकल की गाड़ी आई थी। पानी खत्म होने वह भी खड़ी रही, उसके बाद अन्य गाड़ियां पहुंचीं।
अस्पताल व पुलिस ने अभिभावकों को सूचना नहीं दी
अस्पताल में भर्ती नवजातों के अभिभावकों को पुलिस व अस्पताल प्रबंधन ने कोई सूचना नहीं दी। रविवार सुबह जब लोगों ने टीवी व अखबार में खबर देखी तब वह अस्पताल पहुंचे और बच्चों की मौत हो जाने का पता चला। पुलिस का कहना है उनके पास अभिभावकों की जानकारी नहीं थी। इसलिए सूचना नहीं दी गई। सब बच्चे नवजात थे, झुलस गए थे। अभिभावकों को अपने बच्चे पहचानने में काफी परेशानी हुई।
बड़े से छोटे सिलेंडर में ऑक्सीजन रीफिल करने का आरोप
पड़ोसियों का आरोप है कि अस्पताल में अवैध रूप से ऑक्सीजन रीफिलिंग का काम किया जाता था। इसी वजह से अस्पताल का संचालक अस्पताल में अंदर ऑक्सीजन सिलेंडर जमा करके रखता था। लोगों को बड़े से छोटे सिलेंडर में गैस भरकर दी जाती थी। पहले भी कई बार संचालक से शिकायत की गई। उसने शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया।
अनदेखी की वजह से बड़ा हादसा हो गया। आग लगने से करीब 14 सिलेंडर फटे थे। तीन सिलेंडर रॉकेट की तरह अस्पताल से निकलकर करीब डेढ सौ मीटर दूर विवेक विहर आईटीआई परिसर और सड़क पर गिरे। दो अभिभावकों ने डीएनए जांच करवाने को कहा है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद नवजातों के शव स्वजन को सौंप दिए हैं।
दिल्ली के एक अस्पताल में आग लगने की घटना हृदय विदारक है। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि जो घायल हुए हैं वे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। प्रत्येक मृतक के स्वजन को पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये और प्रत्येक घायलों के स्वजन को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। -नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
बच्चों के अस्पताल में आग की ये घटना हृदयविदारक है। हादसे में जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया है उनके साथ हम सब खड़े हैं। सरकार और प्रशासन के अधिकारी घायलों को इलाज मुहैया करवाने में लगे हुए हैं। घटना के कारणों की जांच की जा रही है और जो भी इस लापरवाही का जिम्मेदार होगा वो बख्शा नहीं जाएगा। -अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री दिल्ली
दिल्ली में बच्चों के अस्पताल में आग लगने की दुखद घटना की जांच के आदेश मुख्य सचिव को दिए गए हैं। पुलिस आयुक्त को सभी आवश्यक चीजें सुनिश्चित करने के आदेश निर्देश दिए हैं। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदना हैं। सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषियों को सख्त सजा मिले। -वीके सक्सेना, एलजी दिल्ली