पहली बार नहीं जब टिकट वितरण से नाराज हुए अरविंदर सिंह लवली, 2017 में भी दे दिया था इस्तीफा
अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे वजह लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से गठबंधन को बताया है। उन्होंने इससे पहले वर्ष 2017 में भी टिकट वितरण में नाराजगी को लेकर इस्तीफा दिया था। फर्क सिर्फ इतना है कि तब लवली ने पार्टी भी छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। टिकट वितरण में नाराजगी 2017 में भी अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे का कारण बनी थी। अंतर केवल इतना है कि तब लवली ने पार्टी भी छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे, जबकि इस बार उन्होंने केवल प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। हालांकि चर्चा सियासी गलियारों में अबकी बार भी यही चल रही है कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
अप्रैल 2017 में एमसीडी चुनाव के मतदान से कुछ ही दिन पूर्व लवली ने भाजपा की सदस्यता ले ली थी। अमित शाह ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की मौजूदगी में लवली को भाजपा में शामिल कराया था।
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दरअसल, एमसीडी चुनाव में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने पार्टी के कई बड़े नेताओं को किनारे कर दिया था। लवली भी उन्हीं में से एक थे। टिकट बंटवारे में उनकी कोई राय नहीं ली गई, लेकिन फरवरी 2018 में एक साल से भी कम समय में लवली कांग्रेस में लौट आए थे।
घर वापसी की वजह भाजपा में तव्वजो नहीं मिलना थी, तब उन्होंने खुद ही बयान दिया था, ‘मेरे लिए कोई खुशी का निर्णय नहीं था, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाना। पीड़ा में लिया गया फैसला था।’
14 सितंबर 2023 को लवली ने संभाली थी प्रदेश अध्यक्ष की कमान
14 सितंबर 2023 को जब लवली ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली थी, तो उनका कहना था कि प्रभारी खुद इस बात की कोशिश में लगे हैं कि कांग्रेस एकजुट हो। अब वक्त आ गया है कि हमें घरों से निकलना होगा।
जागरण से बातचीत में लवली ने कहा कि इस बार उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है। प्रभारी के गलत निर्णयों के प्रति विरोध जताते हुए अध्यक्ष पद छोड़ा है।