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83 विचाराधीन कैदियों को कंपनियों ने की नौकरी देने की पेशकश, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में लगा रोजगार मेला

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर विचाराधीन कैदियों को रोजगार देने के लिए रोजगार मेले का आयोजन किया गया। रोजगार मेले में कंपनियों ने 83 विचाराधीन कैदियों को रोजगार देने की पेशकश की है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य विचाराधीन कैदियों का पुनर्वास करना और उन्हें आवश्यक कौशल से युक्त कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है ताकि उनके दोबारा अपराध की ओर जाने की आशंका कम हो।

By Ritika Mishra Edited By: Abhishek Tiwari Published: Wed, 08 May 2024 09:10 AM (IST)Updated: Wed, 08 May 2024 09:13 AM (IST)
83 विचाराधीन कैदियों को कंपनियों ने की नौकरी देने की पेशकश

रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली।  मैं लगभग नौ वर्ष पहले दिल्ली घूमने आई थी, तब किसी मामले में मुझे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इतने वर्षों तक जेल में रहते-रहते मेरा आत्मविश्वास कमजोर हो गया था। यही सोचती रहती थी कि बाहर आकर क्या गुजर-बसर कैसे करूंगी, नौकरी कौन देगा। ये कहना था राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर के अंदर रोजगार मेले में नौकरी की चाह लिए आई एक महिला का।

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महिला ने बताया कि वो आठ वर्ष छह माह तक तिहाड़ जेल में बंद थी। उसे इसी वर्ष जनवरी 2024 में नियमित जमानत मिली है। उसने बताया कि इतने वर्षों बाद जमानत मिलने के बाद जब वो बाहर आईं तो उसे नहीं पता था कि उसकी नौकरी की इच्छा इतनी जल्दी पूरी हो जाएगी। उसने बताया कि दो से तीन कंपनियों ने उसे 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी की पेशकश की है।

दरअसल, विचाराधीन कैदियों को रोजगार के अवसर प्राप्त करने में मदद के लिए दिल्ली राज्य विधि सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) ने प्रोजेक्ट सक्षम के तहत रोजगार मेला का आयोजन किया था। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य विचाराधीन कैदियों का पुनर्वास करना और उन्हें आवश्यक कौशल से युक्त कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है ताकि उनके दोबारा अपराध की ओर जाने की आशंका कम हो।

10 राज्यों के 100 से अधिक विचाराधीन कैदी हुए शामिल

रोजगार मेले में विचाराधीन कैदियों को विशेषरूप से आतिथ्य प्रबंधन (हास्पिटैलिटी मैनेजमेंट) के क्षेत्र में रोजगार के अवसर दिए गए। इसमें 10 राज्यों के 100 से अधिक विचाराधीन कैदी आए हुए थे। हास्पिटैलिटी, फूड सर्विस और हेल्थकेयर सेक्टर की कंपनियों ने 83 से ज्यादा पात्र विचाराधीन कैदियों को आशय पत्र (एलओआइ) देकर रोजगार की पेशकश की।

दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और डीएसएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति मनमोहन ने बताया कि प्रोजेक्ट सक्षम अंधेरे के बीच आशा की किरण बनकर उभरा है। जो उन लोगों को एक जीवन रेखा प्रदान करता है, जिन्होंने जीने की राह खो दी है।

उन्होंने बताया कि विचाराधीन कैदियों के समग्र पुनर्वास को देखते हुए इस पहल का उद्देश्य पुन: अपराध के चक्र को तोड़ना और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। डीएसएलएसए के अधिकारियों ने बताया कि कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत तिहाड़ जेल के अंदर 1700 विचाराधीन कैदियों को मैक्स हेल्थकेयर की ओर से सतत आजीविका के लिए प्रशिक्षित किया गया था।

तीन माह के इस प्रशिक्षण में हास्पिटैलिटी से संबंधित क्षेत्र का प्रशिक्षण मिला था। इसमें मुख्यता वो कैदी थे जिनका जेल के अंदर रहने के दौरान आचरण अच्छा था। उन्होंने बताया कि रोजगार मेले में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों ने पर्यटन एवं आतिथ्य कौशल परिषद (टीएचएससी) के दिशानिर्देशों के अनुरूप आयोजित खाद्य एवं पेय सेवा प्रबंधक पद के लिए कौशल प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

तिहाड़ में मिला था तीन माह का प्रशिक्षण

मेले में आयी एक अन्य महिला ने बताया कि उस पर 72 लाख से अधिक रुपये के गबन का आरोप है और वो सात माह तक जेल में रही। सितंबर 2023 में उसे नियमित जमानत मिली थी। उसने बताया कि उसका एक 26 वर्षीय बेटा है और वो अकेले अपने बेटे का पालन-पोषण कर रही थी।

महिला ने बताया कि आरोप लगने के बाद जब वो जेल गई तो उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया था। लेकिन जब नियमित जमानत पर बाहर आयी तो उसे उम्मीद नहीं थी कि उसे कोई नौकरी भी देगा।

उसने कहा कि रोजगार मेले के बारे में उसे डीएसएलएसए के पैरा लीगल वालंटियर्स ने कुछ सप्ताह पहले उसके घर पर आकर उसे उपलब्ध करियर के अवसरों के बारे में बताया और रोजगार मेले में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। महिला ने बताया कि उसे 25 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी की पेशकश की गई है।


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