Delhi Lok Sabha Elections 2024: लंबे चुनावी संग्राम के बाद चांदनी चौक के प्रत्याशियों ने परिवार के साथ बिताया रविवार
चांदनी चौक से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी जय प्रकाश अग्रवाल रविवार को भरपूर नींद सोए। अन्यथा गठबंधन प्रत्याशी घोषित होने के बाद से लगातार 40 दिन तक कुछ घंटे की ही नींद ले पा रहे थे। इसी तरह इस संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवीन खंडेलवाल ने भी करीब 90 दिन के बेहद थकान भरे चुनाव प्रचार के बाद आज सारा दिन अपने परिवार के साथ गुजारा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लंबे चुनावी संग्राम के बाद मतदान के अगले दिन रविवार को चांदनी चौक के प्रत्याशियों ने घर में परिवार के साथ सुकून के पल बिताए। कई घंटों की अच्छी नींद ली तो परिवार के लोगों से खूब बातें की। साथ भोजन लिया। बच्चों के साथ मस्ती की तथा कार्यकर्ताओं से मतदान की समीक्षा की।
देर रात घर लौटते थे नेता
चांदनी चौक से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी जय प्रकाश अग्रवाल रविवार को भरपूर नींद सोए। अन्यथा, गठबंधन प्रत्याशी घोषित होने के बाद से लगातार 40 दिन तक कुछ घंटे की ही नींद ले पा रहे थे। वह सुबह सात बजे घर से निकल जाते थे, प्रतिदिन दो से तीन पदयात्रा में करीब 10 से 20 किमी चलना हो रहा है, कई बैठकें और सभाएं हो रही थी, ऐसे में देर रात घर लौटते थे।
उसके बाद भी अगले दिन की कार्यक्रमों और रणनीति की तैयारी होती थी। ऐसे में रविवार वह आराम से सोकर उठे। उसके बाद क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मतदान की रिपोर्ट की समीक्षा करने के उपरांत पोती काशवी और रिया अग्रवाल के साथ खूब बातें की। साथ बैठकर परिवार के सभी सदस्यों ने भोजन किया।
प्रवीन खंडेलवाल ने घर में बिताया सारा दिन
इसी तरह, इस संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवीन खंडेलवाल ने भी करीब 90 दिन के बेहद थकान भरे चुनाव प्रचार के बाद आज सारा दिन अपने परिवार के साथ गुजारा तथा अपने तीनों बेटियों के बच्चों के साथ खेलते हुए अपना दिन बिताया। घर में खंडेलवाल की पत्नी कनक के अलावा उनकी माता सूर्यप्रभा ने भी उनके साथ घर परिवार की ढेर सारी बातें की।
एक लंबे समय के बाद अपने परिवार के साथ समय बिताने पर खुश दिखाई दे रहे खंडेलवाल ने कहा कि 90 दिनों के सघन प्रचार में हमने मेहनत की पराकाष्ठा को छुआ है। उन्होंने बताया कि प्रचार के दौरान वो प्रतिदिन सुबह छह बजे घर छोड़ते थे और रात्रि 12 बजे के बाद ही प्रचार संपन्न कर घर वापस आते थे। उसके बाद कोर टीम के साथ बैठकर चुनाव की समीक्षा करते हुए अगले दिन की रणनीति तय करते थे।
ये भी पढ़ें-
इस तरह 90 दिनों में किसी भी दिन वो दो घंटे से ज़्यादा की नींद ले ही नहीं पाए। प्रचार अभियान के आरंभ के दिनों में ही खंडेलवाल के पैर में फ्रैक्चर हो गया और हाथ में भी चोट लग गई, लेकिन कार्यकर्ताओं के उत्साह और ऊर्जा की वजह से उन्होंने एक भी दिन न तो चुनाव संपर्क रोका न ही कोई कार्यक्रम को निरस्त किया और यही कारण रहा कि वो 90 दिनों में चुनाव क्षेत्र के सभी हिस्सों में लोगो से संपर्क कर पाने में सफल रहे।