Lok Sabha Election 2024: पश्चिम से पूर्वांचल तक मतदान का आंकड़ा सात प्रतिशत गिरा, इस जिले में हुई सबसे कम वोटिंग
छठे चरण की 14 सीटों पर सबसे कम वोटिंग हुई और पहले से छठे चरण की वोटिंग में सात प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। पश्चिम उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव में सबसे अधिक 61.11 प्रतिशत वोट पड़े थे जबकि छठे चरण में महज 54.04 प्रतिशत मतदान हुआ। छठे चरणों में उत्तर प्रदेश किसी भी चरण के चुनाव में राष्ट्रीय औसत के करीब भी नहीं पहुंच सका।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में पश्चिम क्षेत्र से शुरू हुआ लोकसभा का चुनावी सफर छठे पड़ाव तक पहुंचते-पहुंचते मतदान प्रतिशत के लिहाज से हांफने लगा है। मतदाताओं ने पहले चरण में जो उत्साह दिखाया वह पूर्वांचल से जुड़ी सीटों पर नहीं दिखा।
छठे चरण की 14 सीटों पर सबसे कम वोटिंग हुई और पहले से छठे चरण की वोटिंग में सात प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। पश्चिम उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव में सबसे अधिक 61.11 प्रतिशत वोट पड़े थे जबकि छठे चरण में महज 54.04 प्रतिशत मतदान हुआ। छठे चरणों में उत्तर प्रदेश किसी भी चरण के चुनाव में राष्ट्रीय औसत के करीब भी नहीं पहुंच सका। प्रदेश में अब तक 67 सीटों पर हुए चुनाव में सबसे अधिक वोट बाराबंकी 67.20 और सबसे कम मतदान फूलपुर में 48.91 प्रतिशत पड़े हैं।
क्या है वोटिंग में आई गिरावट की वजह?
वोटिंग में आई गिरावट की वजह मतदाताओं की उदासीनता और गर्मी ही बताई जा रही है। पश्चिमी के सापेक्ष पूर्वांचल में माइग्रेशन भी अधिक है। मई-जून में लगन न होने की वजह से भी लोगों की वापसी भी इस क्षेत्र में कम हुई है। लखनऊ विश्वविद्यालय राजनीति शास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एसके द्विवेदी बताते हैं कि पूर्वांचल के बहुत से लोग रोजी-रोजगार के सिलसिले से बाहर रहते हैं और यदि कोई बड़ी वजह न हुई तो वे वापस नहीं आते हैं।
चुनाव में इस बार माफियाओं का हस्तक्षेप भी काफी कम है, इस वजह से भी उनके प्रभाव वाले लोग तटस्थ रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में सभी चरणों में 2019 के मुकाबले मतदान में कमी देखी गई है। राष्ट्रीय औसत के सापेक्ष भी फासला दो से 11 प्रतिशत (चरणवार) देखा गया। वर्ष 2019 में देश भर में 67 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था जबकि उत्तर प्रदेश का औसत आंकड़ा 59.21 प्रतिशत रहा था। चुनाव आयोग का प्रयास 2024 में इस अंतर को पाटने का था। छह चरण के मतदान के बाद यह उम्मीद दम तोड़ती दिख रही हैं।
सातवां चरण यह तय करेगा कि प्रदेश का वोटिंग प्रतिशत पिछले चुनाव तक पहुंच सका या नहीं। बेहतर मतदान प्रतिशत के लिहाज से शीर्ष पांच लोकसभा सीटें बाराबंकी (67.20 प्रतिशत), खीरी (64.68 प्रतिशत), अमरोहा (64.58 प्रतिशत), धौरहरा (64.54 प्रतिशत) और झांसी (63.86 प्रतिशत) रहीं। वहीं, सबसे कम मतदान वाले पांच लोकसभा क्षेत्र फूलपुर (48.91 प्रतिशत), मथुरा (49.41 प्रतिशत), गाजियाबाद (49.88 प्रतिशत), प्रतापगढ़ (51.60 प्रतिशत) व गोंडा (51.62 प्रतिशत) रहे।
उत्तर प्रदेश में चरणवार क्या रहा मतदान प्रतिशत
चरण - वर्ष 2019 - वर्ष 2024 - कमी
प्रथम - 66.42 - 61.11 - 5.31
दूसरा - 62.18 - 55.19 - 6.99
तीसरा - 59.79 - 57.55 - 2.24
चौथा - 58.75 - 58.22 - 0.53
पांचवां - 58.38 - 58.02 - 0.36
छठा - 54.49 - 54.04 - 0.45
राष्ट्रीय औसत के सापेक्ष स्थिति
चरण - राष्ट्रीय - यूपी - कमी
प्रथम चरण - 66.14 - 61.11 - 5.03
दूसरा चरण - 66.71 - 55.19 - 11.52
तीसरा चरण - 65.68 - 57.55 - 8.13
चौथा चरण - 66.95 - 58.22 - 8.73
पांचवां - 60.09 - 58.02 - 2.07
छठा - 61.20 - 54.04 - 7.16
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