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Lok Sabha Election 2024: जातीय समीकरण तय करती रही है पहाड़ की राजनीति, जातिवाद के नाम पर जमकर होता है ध्रूवीकरण

Lok Sabha Election 2024 हिमाचल प्रदेश की राजनीति में जातिगत समीकरणों का विशेष ख्याल रखा जाता है। टिकट बंटवारे से लेकर मतदान करने तक इस बात का बखूबी ख्याल रखा जाता है। खास बात है कि राजनीतिक दल और मतदाता दोनों ही इस बात का ख्याल रखता है। मंडी संसदीय क्षेत्र में साल 2014 में हुआ चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।

By Prince Sharma Edited By: Prince Sharma Published: Wed, 17 Apr 2024 04:24 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2024 04:24 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: जातीय समीकरण तय करती रही है पहाड़ की राजनीति (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Politics: हिमाचल में राजनीति में जातीय से लेकर क्षेत्रीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा जाता है। टिकट आवंटन से लेकर मतदान (Himachal Lok Sabha Election) करने तक इसका पूरा ध्यान रखते हुए पर राजनीतिक दल ही नहीं वोटर इस पर काम करते हैं। राजनीतिक दल प्रत्याशियों के चयन के लिए इसका ध्यान रखते हैं।

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वहीं वोटरों को साथ लाने के लिए जातिवाद के नाम पर ध्रूवीकरण करने में राजनेता कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। मंडी में 2014 में हुआ चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।

उस समय ब्राह्मण वाद पर पूरे ब्राह्मणों को एक साथ लाया। इसका असर ये रहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) को भाजपा के राम स्वरूप से हार का सामना करना पड़ा।

ब्राह्मण जनसंख्या 8 फीसद

इसी तरह से लोकसभा, विधानसभा, नगर निगम, पंचायतों में इसका ध्यान रखा जाता है। हिमाचल में जातीय समीकरण पर ध्यान दे तो प्रदेश में 32 फीसद जनसंख्या राजपुतों की है। इसी तरह से 25 फीसद जनसंख्या अनुसूचित जाति के लोगों की है। हिमाचल में ब्राह्मण जनसंख्या 8 फीसद है।

वहीं ओबीसी जनसंख्या पहाड़ी राज्य में 13 फीसद के लगभग है। 5 फीसद के लगभग हिमाचल में अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनसंख्या है। ऐसे में राज्य में जब जब भी राजनीतिक दल अपने प्रत्याशी उतारते हैं तो इसका पूरा ध्यान खा जाता है ।

लोकसभा चुनावों में चारों सीटों पर बनाए समीकरण

कांग्रेस अभी ब्राह्मण और ओबीसी प्रत्याशी की तलाश में है। पार्टी ने अभी तक कांगड़ा व हमीरपुर से अभी तक प्रत्याशी का नाम फाइनल नहीं किया है। दो लोकसभा सीटों पर भाजपा ने अभी तक एक राजपूत और एक आरक्षित सीट से अनुसूचित जाति का प्रत्याशी मैदान में उतारा है।

भाजपा ने की उम्मीदवारों की घोषणा

ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी पूरी तरह से जातीय समीकरण बनाते हुए प्रत्याशियों को चुनावी समय में आने वाले समय में उतारेगी। भाजपा ब्राह्मण, राजपूत और अनुसूचित जाति के नेता को प्रत्याशी बनाया जा चुका है। भाजपा ने अपने चार उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इसमें से दो राजपूत, एक ब्राह्मण और एक आरक्षित सीट से अनुसूचित जाति का प्रत्याशी शामिल है।

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