Kedarnath Helicopter Landing: केदारनाथ पहुंची डीजीसीए की टीम, क्रिस्टल एविएशन की नियमित उड़ान शुरू
Kedarnath Helicopter Landing नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की चार सदस्यीय टीम केदारघाटी पहुंची। डीजीसीए की चार सदस्यीय टीम इमरजेंसी लैंडिग की जांच के लिए शुक्रवार को ही केदारनाथ धाम पहुंची और सभी पहलुओं की जांच की। जांच के बाद शनिवार को क्रिस्टल एविएशन को उडान फिर से शुरू कर दी गई हैं। शनिवार को मौसम खराब होने का असर केदारनाथ धाम की हेली सेवाएं पर भी पड़ा।
संवाद सहयोगी जागरण, रुद्रप्रयाग: Kedarnath Helicopter Landing: केदारनाथ धाम में क्रिस्टल एविएशन के हेलीकाप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग की जांच के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की चार सदस्यीय टीम केदारघाटी पहुंची।
जांच के बाद टीम ने हेली सेवा प्रदाता कंपनी क्रिस्टल एविएशन को उड़ान भरने की अनुमति दे दी है। इसके बाद कंपनी ने शनिवार से दूसरे हेलीकाप्टर ने शेरसी से केदारनाथ के लिए फिर से सेवाएं शुरू कर दी हैं।
केदारनाथ धाम में बने हेलीपैड पर लैंडिंग के दौरान क्रिस्टल एविएशन कंपनी का आठ सीटर हेलीकाप्टर शुक्रवार सुबह तमिलनाडु के छह यात्रियों को लेकर शेरसी से केदारनाथ आ रहा था। केदारानाथ हेलीपैड पर उतरते समय तकनीकी खराबी आने के कारण हेलीकाप्टर अनियंत्रित होकर करीब एक मिनट तक हवा में डगमगाने लगा।
इसके बाद पायलट ने हेलीपैड के बगल में 20 मीटर नीचे कच्ची जमीन पर आपात लैंडिंग कराकर तीर्थयात्रियों और खुद को सुरक्षित बचा लिया था। नागरिक डीजीसीए की टीम ने इसकी जांच शुरू करनी बात कही थी। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के सीईओ सी रविशंकर ने बताया कि डीजीसीए ने हेली सेवा प्रदाता इस कंपनी की उड़ानों पर फिलहाल रोक लगाई है।
डीजीसीए की चार सदस्यीय टीम इमरजेंसी लैंडिग की जांच के लिए शुक्रवार को ही केदारनाथ धाम पहुंची और सभी पहलुओं की जांच की। जांच के बाद शनिवार को क्रिस्टल एविएशन को उडान फिर से शुरू कर दी गई हैं। क्षतिग्रस्त हेलीकाप्टर की मरम्मत के लिए भी इंजीनियरों की टीम भी केदानाथ धाम पहुंच गई हैं।
हेली सेवाओं के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि डीजीसीए की टीम ने केदारनाथ पहुंच कर इमरजेंसी लैंडिग की जांच की है। क्रिस्टल एविएशन को उड़ान शुरू हो गई है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि उड़ानें रोकी नहीं गई थी।
मौसम ने डाला हेली यात्रा में खलल, पांच घंटे बंद रहीं सेवाएं
शनिवार को मौसम खराब होने का असर केदारनाथ धाम की हेली सेवाएं पर भी पड़ा। पूरे दिन लगभग पांच घंटे हवाई सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं। इस कारण यात्री परेशान नजर आए। सेक्टर अधिकारी अंकित सुंदरियाल ने बताया कि मौसम खराब के कारण दोपहर दो बजे बाद हवाई सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं। सुबह 11 बजे भी हवाई सेवाएं रोकी गईं।
10 साल पुराने हेलीकाप्टर की उड़ान पर प्रतिबंध की जरूरत
विषम भौगोलिक परिस्थितियां, उच्च हिमालय क्षेत्र में होने के कारण केदारघाटी क्षेत्र हेलीकाप्टर की उड़ान के दृष्टिगत काफी संवेदनशील है। इस क्षेत्र में अब तक 10 बड़ी हेली दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। हेली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को सख्त नियम कानून बनाए जाने और अनदेखी पर कठोर कार्रवाई की जरूरत है।
10 वर्ष से पुराने हेलीकाप्टर की उड़ान पर सख्ती से रोक लगाए जाना जरूरी है। साथ ही हेली की उड़ानों के लिए नियमित रूप से यहां पर उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को एक आब्जर्वर की भी तैनाती करनी चाहिए, ताकि नियमित उड़ान की रिपोर्ट डीजीसीए को मिल सके।
पिछले 10 सालों से केदारघाटी में हेली कंपनियों की उड़ानों पर बारीकी से नजर रखने वाले हेरिटेज हवाई कंपनी के पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक बृजमोहन बिष्ट बताते हैं कि केदारघाटी में हेली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम कानून की जरूरत है। इस क्षेत्र में पुराने हेलीकाप्टर की उड़ान खतरें से खाली नहीं है। घाटी की भौगोलिक परिस्थतियों को देखते हुए नियमों का सख्ती से पालन भी जरूरी है।
केदारनाथ धाम में पिछले 14 साल में 10 हेली दुर्घटनाएं में 33 लोगों की मौत हो चुकी है। हर समय क्षेत्र में हेली दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। यात्रा सीजन में इन दिनों रोजाना नौ हवाई कंपनियां 250 से अधिक उड़ानें भर रही हैं। केदारनाथ उच्च हिमालय क्षेत्र में स्थित है, यहां पर संकरी पहाड़ी होने के साथ ही ऊंचे पहाड़ है, जिनसे दुर्घटना का खतरा बना रहता है, जबकि यहां का मौसम भी पल भर में बदल जाता है, जो हेली दुर्घटना के दृष्टिगत काफी संवेदनशील है।