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आखिर क्‍यों? Kedarnath Dham Yatra 2024 से लौटे यात्री ने कहा- 'बाबा केदार का चमत्कार सुना ही था, खुद देख भी लिया'...सुनाया खौफ से भरा अनुभव

Kedarnath Helicopter Emergency Landing केदारनाथ धाम में शुक्रवार को केस्ट्रल एविएशन कंपनी के जिस हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग कराई गई थी उसमें सवार एक तीर्थयात्री अपने घर पहुंच गया। वह अपने तीन दोस्त भावेश राजेश और राहुल के साथ केदारनाथ यात्रा पर गए थे। बताया कि केदारनाथ धाम में बने हेलीपैड पर लैंडिंग के दौरान हेलीकॉप्टर अनियंत्रित होकर अचानक डगमगाने लगा। करीब एक मिनट तक यह सिलसिला चला।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Published: Mon, 27 May 2024 11:58 AM (IST)Updated: Mon, 27 May 2024 11:58 AM (IST)
Kedarnath Helicopter Emergency Landing: बाबा केदारनाथ सबके मालिक

बृजेश भट्ट, जागरण, रुद्रप्रयाग: Kedarnath Helicopter Emergency Landing: केदारनाथ धाम में शुक्रवार को केस्ट्रल एविएशन कंपनी के जिस हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग कराई गई थी उसमें सवार एक तीर्थयात्री मयूर वाधवानी रविवार को अपने घर रायपुर छत्तीसगढ़ पहुंच गए। उनके पहुंचते ही परिवार और रिश्तेदारों का घर में तांता लग गया।

बेटे को अपने बीच सुरक्षित पाकर खुशी के आंसू छलक गए। सभी ने इसे बाबा केदारनाथ की कृपा बताया। मयूर वाधवानी श्रद्धाभाव के साथ कहते हैं बाबा केदारनाथ सबके मालिक हैं। उनकी कृपा और पायलट की सूझबूझ से जान बच पाई। बस एक मलाल है कि उनके तीन अन्य दोस्त बाबा के दर्शन नहीं कर पाए, उन्हें वापस उनके साथ आना पड़ा।

'दैनिक जागरण' से दूरभाष पर हुई बातचीत में भवन निर्माण सामग्री के कारोबार से जुड़े मयूर वाधवानी ने अपने मनोभाव साझा किए। बताते हैं कि वह अपने तीन दोस्त भावेश, राजेश और राहुल के साथ केदारनाथ यात्रा पर गए थे।

शुक्रवार की सुबह उन्हें रुद्रप्रयाग के शेरसी हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरनी थी। वजन अधिक होने के कारण उन्हें तमिलनाडु के पांच यात्रियों के साथ आठ सीटर हेलीकॉप्टर में बैठा दिया गया। उनके तीनों दोस्तों को दूसरे फेरे में ले जाया जाना था।

'हम सबकी सांसें अटक गई'

केदारनाथ धाम में बने हेलीपैड पर लैंडिंग के दौरान हेलीकॉप्टर अनियंत्रित होकर अचानक डगमगाने लगा। करीब एक मिनट तक यह सिलसिला चला। हम सबकी सांसें अटक गई।

कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या होने वाला है। मैं तो बाबा केदारनाथ को ही पुकारता रहा। ऐसा लगने लगा कि अब सब कुछ खत्म होने वाला है। परिवार के सभी सदस्यों के चेहरे जेहन में आने लगे। डर के मारे आंखें बंद कर ली थीं।

पायलट ने समझदारी दिखाते हुए हेलीकॉप्टर का इंजन बंद दिया। इसके बाद इसे मिट्टी में उतारा। इसके बाद तो जान पर जान आई। वे दो से तीन मिनट कैसे थे, इसकी कल्पना तक नहीं कर सकता। सब डरे हुए थे।

डर भी जिंदगी का। ऐसा खौफ जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं था। बाबा के चमत्कार के बारे में खूब सुना था, पढ़ा था, इस यात्रा में खुद अपनी आंखों से देख लिया। खुद ही इसका प्रमाण हूं। पहली बार बाबा के दर पर गया था। आज घर पर परिवार के बीच हूं तो बाबा की ही कृपा है।

साढ़े चार बजे तक रहा धाम में

मयूर वाधवानी ने बताते हैं कि हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग के बाद हमें पैदल ही बाबा के दर्शन के लिए ले जाया गया। वहां लाइन लंबी थी। दूर से ही दर्शन किए। साढ़े चार बजे तक केदारनाथ में ही रहा। इसके बाद दूसरी हेली सेवा से शेरसी वापस लौट आया। वहां मेरे तीनों दोस्त टकटकी लगाए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

मुझे सामने देख खुशी के मारे उनकी आंखें भी नम हो गईं, उन्होंने मेरी कुशलता पर लंबी सांस ली और मुझे गले लगा लिया। चूंकि हादसे के बाद केस्ट्रल हेली सेवा की उड़ान पर उस दिन रोक लगा दी गई थी, इसलिए उनके दोस्त बाबा केदार के दर पर नहीं जा सके।

उन्होंने यात्रा स्थगित कर दी। इसके बाद वह चारों टैक्सी से हरिद्वार आ गए। दोस्त भले ही बाबा के दर्शन नहीं कर पाए लेकिन, उन्हें इस बात का संतोष है कि साथ गया उनका साथी उनके बीच मौजूद है।

डर गए थे परिवार के लोग

मयूर के अनुसार दस बजे मीडिया में हेलीकॉप्टर में सवार यात्रियों के नाम आने लगे तो परिवार के लोग डर गए थे। दिन में जब फोन पर बातचीत हुई तो उनकी जान पर जान आई। भवन निर्माण सामग्री के कारोबारी मयूर के परिवार में माता-पिता, पत्नी और बेटा हैं।


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