भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के लड़ाई में अब जाट महासभा हुई शामिल, विश्वेंद्र सिंह का उनकी पत्नी व पुत्र से चल रहा है विवाद
विवाद उपखंड अधिकारी न्यायालय तक पहुंच गया है। इस बीच अनिरूद्ध ने एक बयान में कहा कि भरतपुर राजपरिवार का निकास करौली के पूर्व राजपरिवार से हुआ है। अनिरूद्ध के इस बयान पर राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने आपत्ति जताई है। मील ने इंटरनेट मीडिया पर लिखाअनिरूद्ध के बयान से पूरे देश का जाट समाज आहत है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के बीच चल रहा विवाद अब जाति और समाज तक पहुंच गया है। भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और प्रदेश के पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह का अपनी पत्नी दिव्या सिंह एवं पुत्र अनिरूद्ध सिंह के साथ विवाद चल रहा है।
विवाद उपखंड अधिकारी न्यायालय तक पहुंच गया है। इस बीच अनिरूद्ध ने एक बयान में कहा कि भरतपुर राजपरिवार का निकास करौली के पूर्व राजपरिवार से हुआ है। अनिरूद्ध के इस बयान पर राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने आपत्ति जताई है। मील ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा,अनिरूद्ध के बयान से पूरे देश का जाट समाज आहत है। उनके कृत्य की घोर निंदा और भत्र्सना करता है। उन्होंने कहा,जाट समाज अनिरूद्ध का सामाजिक बहिष्कार करेगा। अनिरूद्ध का आचरण मानसिक दिवालियापन का प्रतिक है।
जाट शासकों की प्रतिष्ठा और ऐतिहासिक तथ्यों के विपरित
अनिरूद्ध का अचारण भरतपुर के महान जाट शासकों की प्रतिष्ठा और ऐतिहासिक तथ्यों के विपरित है। उन्होंने अपने पिता विश्वेंद्र सिंह के साथ घोर निंदनीय व्यवहार किया है। भरतपुर राजवंश के महाराजा सूरजमल से लेकर अंतिम शासक बृजेंद्र सिंह तक ने अनेक अवसरों पर कहा कि वे जाट शासक हैं। विश्वेंद्र सिंह भी खुद को जाट बताते रहे हैं।
'करौली का पूर्व राजपरिवार जादौन है राजपूत'
मील ने कहा,करौली का पूर्व राजपरिवार जादौन राजपूत है। वहीं भरतपुर का पूर्व राजपरिवार जाट कहा जाता है। भरतपुर के पूर्व राजपरिवार का निकास करौली से नहीं है। बल्कि करौली के पूर्व राजपरिवार का निकास भरतपुर के यदुवंशी जाटों से है। मील की पोस्ट पर अनिरूद्ध ने नाराजगी जताते हुए मील को मानहानि का नोटिस देने की बात कही है।
भरपेट भोजन नहीं देने का लगाया आरोप
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों विश्वेंद्र सिंह ने पत्नी व पुत्र पर मारपीट कर भरपेट भोजन नहीं देने का आरोप लगाते हुए उपखंड अधिकारी न्यायालय में याचिका दायर की थी। वहीं दिव्या सिंह व अनिरूद्ध ने आरोप लगाया था कि विश्वेंद्र पूर्व राजपरिवार की संपति बेचने में जुटे हैं।