शादी के नाम पर 30 लोगों से हो चुकी थी ठगी, पूरे देश में सक्रिय था यह गिरोह, एक गलती और हो गया राजफाश
Varanasi News पकड़े गए जितेंद्र का संबंध देश के उन जगहों के एजेंट से है जहां शादी के लिए लड़कियों की कमी है। गिरोह में सभी का काम बंटा हुआ है। भवरलाल शर्मा व सूरज ऐसे युवकों को तलाश करते थे जिनका विवाह नहीं हुआ है। इनको शादी कराने का झांसा देकर रुपये ऐंठने का काम भी यही करते थे।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। शादी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का राजफाश करते हुए सारनाथ पुलिस ने एक महिला समेत पांच ठगों को गिरफ्तार कर लिया है। इन्होंने अब तक 30 फर्जी शादियां कराकर ठगी किया है। पुलिस इनके आपराधिक इतिहास को खंगाल रही है।
पकड़े गए ठगों के बारे में एडीसीपी क्राइम टी सरवरण ने बताया कि पकड़ा गया गिरोह पूरे देश में सक्रिय था। राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली समेत अन्य जगहों पर अविवाहित को युवकों को शादी कराने का झांसा देकर फंसाता था।
रुपये लेकर उत्तर प्रदेश व बिहार की लड़कियों से उनकी फर्जी शादी करा देता था। शादी के बाद दुल्हन मौका देखकर भाग निकलती थी। कुछ दिनों से सारनाथ में सक्रिय होने की जानकारी पर सारनाथ थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह ने टीम के साथ घेरेबंदी करके गिरोह को गिरफ्तार कर लिया।
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उनकी पहचान सारनाथ के लेढूपुर के रोहित जायसवाल, चंदौली के मटेहरा निवासी जितेंद्र कुमार और उसकी पत्नी, सोनभद्र के ओबरा के सुनील दास, जयपुर के कापड़ियावास कला के भवरलाल शर्मा, मथुरा के पल्सो निवासी सूरज के रूप में हुई।
पहले भी पकड़े गए हैं पति-पत्नी
शादी के नाम पर ठगी करने के मामले में जितेंद्र और उसकी पत्नी पहले भी पकड़े गए हैं। फर्जी शादी कराकर रुपये ऐंठने और दुल्हन को भगा देने के आरोप में पिछले साल इनको कैंट जीआरपी ने पकड़ा था। इस मामले में ही लेढ़ूपुर के रहने वाले रोहित जायसवाल को भी पकड़ा गया था। बलुआ थाना में भी इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
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गिरोह में बंटा है सबका काम
पकड़े गए जितेंद्र का संबंध देश के उन जगहों के एजेंट से है जहां शादी के लिए लड़कियों की कमी है। गिरोह में सभी का काम बंटा हुआ है। भवरलाल शर्मा व सूरज ऐसे युवकों को तलाश करते थे जिनका विवाह नहीं हुआ है। इनको शादी कराने का झांसा देकर रुपये ऐंठने का काम भी यही करते थे।
जितेंद्र की पत्नी रुपये लेकर फर्जी शादी के लिए दुल्हन बनने को तैयार युवतियों-महिलाओं की तलाश करती थी। जितेंद्र, रोहित व सुनील दास शादी कराने व शादी के बाद रुपये-गहने ऐंठकर दुल्हन को भगाने का इंतजाम भी करते थे। जो युवती- महिला फर्जी शादी करती थी उसे 50 हजार रुपये मिलते थे। दुल्हा लाने वाले को 20 हजार रुपये मिलता था। इसके बाद ठगी से मिलने वाले रुपयों को आपस में बांटा जाता था।
ठगी में पुलिस के सिपाही भी रहे शामिल
राजस्थान के वेंकटेश्वर तिवारी को शादी कराने के बहाने ठग बीते साल मई माह में वाराणसी लाए थे। पांच साल के बच्चे की मां को अविवाहित बताकर शादी कराई। विदाई के बाद दुल्हन को ले जाते सारनाथ थाने की तीन सिपाहियों ने रोक लिया।
लड़की को मर्जी के बिना भगाकर ले जाने का आरोप लगाते हुए मामला रफा-दफा करने के लिए वेंकटेश्वर से दो लाख रुपये की मांग की। मामले की जानकारी पुलिस अधिकारियों को होने पर सारनाथ थाना के दो व कैंट के एक सिपाही को गिरफ्तार करके जेल भेज दिा गगया था। आरोपित तीनों सिपाही फर्जी शादी कराने वाले एजेंट से मिले हुए थे।