Move to Jagran APP

UPPCL: बिजली कटौती होने पर करें मुआवजे की मांग, 30% तक वापस मिलेगा पैसा; Step-By-Step समझें पूरा प्रोसेस

जनपद की आबादी लगभग 35 लाख है। यह संसाधन आबादी के हिसाब से कम है। अधिकांश ट्रांसफार्मर ओवरलोड में चल रहे हैं जल भी रहे हैं लेकिन उपभोक्ता जानकारी के अभाव में भी विभाग पर मुआवजे का दावा नहीं करते। विद्युत संबंधी किसी भी सेवा में कमी के संबंध में तय मुआवजा अधिकतम 60 दिनों में उपभोक्ताओं को मुआवजा लेने का नियम है।

By Lovkush Singh Edited By: Riya Pandey Published: Sat, 25 May 2024 01:58 PM (IST)Updated: Mon, 27 May 2024 03:30 PM (IST)
बिजली कटौती होने पर मुआवजे की मांग करने का भी प्रावधान

जागरण संवााददाता, बलिया। UP Electricity: विद्युत संबंधी किसी भी सेवा में कमी के संबंध में तय मुआवजा अधिकतम 60 दिनों में उपभोक्ताओं को मुआवजा लेने का नियम है। मुआवजे की अधिकतम धनराशि भी तय की गई है।

किसी भी उपभोक्ता को उसके द्वारा वित्तीय वर्ष में दी गई फिक्स, डिमांड चार्ज के 30 प्रतिशत से अधिक का मुआवजा नहीं मिलेगा।

शहरी उपभोक्ता को प्रतिमाह 110 रुपये देना होता है चार्ज

शहरी घरेलू उपभोक्ता को प्रति किलोवाट प्रतिमाह 110 रुपये फिक्स चार्ज देना होता है। अगर एक किलोवाट का कनेक्शन है तो उपभोक्ता द्वारा वर्षभर में 1320 रुपये फिक्स चार्ज दिया जाता है। ऐसे उपभोक्ता, प्रतिवर्ष कुल फिक्स चार्ज का 30 प्रतिशत यानी 396 रुपये मुआवजा ले सकते हैं।

मई 2023 में पावर कारपोरेशन (UPPCL) प्रबंधन ने मुआवजा कानून को प्रदेश भर में आनलाइन साफ्टवेयर के माध्यम से लागू किया है।

विद्युत बिल के माध्यम से मुआवजे की भुगतान

बिजली कंपनियों के कस्टमर केयर सेंटर के टोल फ्री नंबर 1912 पर मुआवजे की मांग करने पर उपभोक्ता को अलग से शिकायत नंबर मिलेगा। इसके साथ ही मुआवजा मिलने की प्रक्रिया स्वतः आनलाइन शुरू हो जाएगी। उपभोक्ता को विद्युत बिल के माध्यम से मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। बकाएदार विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजे का लाभ नहीं मिलेगा।

बिजली से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर मुआवजे की अलग-अलग दर निर्धारित की गई है। हालांकि जनपद में इस सुविधा का लाभ किसी भी उपभोक्ता ने नहीं लिया है। जिले में लगभग चार लाख कनेक्शनधारी हैं। बिजली विभाग 145 फीडरों के जरिये 30 हजार 702 ट्रांसफार्मर के बिजली आपूर्ति होता है।

जनपद की आबादी लगभग 35 लाख है। यह संसाधन आबादी के हिसाब से कम है। अधिकांश ट्रांसफार्मर ओवरलोड में चल रहे हैं, जल भी रहे हैं, लेकिन उपभोक्ता जानकारी के अभाव में भी विभाग पर मुआवजे का दावा नहीं करते।

विद्युत समस्या होने पर मुआवजे की तय दरें (रुपये में)

  • घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए-50 प्रतिदिन
  • काल सेंटर द्वारा रिस्पान्स न देने, शिकायत नंबर न देने पर-50 प्रतिदिन
  • श्रेणी एक, शहरी क्षेत्रों में कम आपूर्ति पर-20 प्रति किलोवाट प्रतिघंटे
  • ग्रामीण क्षेत्रों में कम आपूर्ति पर-10 प्रति किलोवाट प्रतिघंटे

बिजली बहाल करने में विलंब होने पर

  • सामान्य फ्यूज उड़ने पर-50 प्रतिदिन
  • ओवरहेड लाइन, भूमिगगत केबिल पर-100 प्रतिदिन
  • ग्रामीण ट्रांसफार्मर पर-150 प्रतिदिन

विद्युत सेवा में बड़े व्यवधान होने पर

  • ट्रांसफार्मर से वोल्टेज समस्या-50 प्रतिदिन
  • वोल्टेज के लिए नई लाइन की जरूरत-100 प्रतिदिन
  • वोल्टेज के लिए उपकेंद्र की जरूरत-250 प्रतिदिन
  • छह प्रतिशत कम व ज्यादा लो वोल्टेज पर-50 प्रतिदिन
  • नौ प्रतिशत कम व छह प्रतिशत ज्यादा हाइवोल्टेज पर-50 प्रतिदिन
  • 12.5 प्रतिशत कम और 10 प्रतिशत ज्यादा ईएचवी पर-50 प्रतिदिन

बिल संबंधी समस्या के लिए

  • बिल संबंधी शिकायत पर-50 प्रतिदिन
  • लोड घटाने-बढ़ाने, कनेक्शन खत्म कराने पर-50 प्रतिदिन

मीटर संबंधी समस्या के लिए

  • उसी परिसर में शिफ्टिंग पर-50 प्रतिदिन
  • मीटर रीडिंग पर-200 प्रतिदिन
  • खराब, जला मीटर बदलने पर-50 प्रतिदिन

इसके अलावा विद्युत से जुड़ी समस्याओं पर भी मुआवजा की व्यवस्था है।

विद्युत वितरण खंड द्वितीय अधिशासी अभियंता नरेंद्र प्रकाश के अनुसार मुआवजा का क्लेम करने का प्राविधान है, लेकिन नियमित बिल भुगतान करने वाले उपभोक्ता ही यह दावा कर सकते हैं। घोषणा कर कार्य के लिए लाइन बाधित की गई है तो उस अवधि की समस्या का दावा मान्य नहीं होगा।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.