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Gyanvapi case: ज्ञानवापी मुकदमे में पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई 18 को, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद पर फिर एक हजार का हर्जाना

अदालत ने अंजुमन इंतेजामिया पर 300 रुपये का हर्जाना लगाते हुए चेतावनी दी थी कि अब और कोई स्थगन स्वीकार नहीं होगा। इसके बावजूद सोमवार को फिर वरिष्ठ वकील के शहर से बाहर होने की बात कहते हुए अंजुमन इंतेजामिया की ओर से सुनवाई की तारीख मांगी गई। बीते शनिवार को सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतेजामिया की ओर से कहा गया था कि कोई अन्य तारीख दी जाए।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Published: Tue, 07 May 2024 09:04 AM (IST)Updated: Tue, 07 May 2024 09:04 AM (IST)
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने चुनौती दी है।

 विधि संवाददाता, वाराणसी। ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण व हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने की मांग को लेकर स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से 1991 में पं. सोमनाथ व्यास तथा अन्य की ओर से दाखिल मुकदमे में पुनरीक्षण याचिका पर सोमवार को जिला जज संजीव पांडेय की अदालत में सुनवाई टल गई।

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अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से कहा गया कि उनके वरिष्ठ अधिवक्ता आवश्यक कार्य के चलते शहर से बाहर हैं, इसलिए सुनवाई की कोई अन्य तारीख दी जाए। इसके बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 18 मई तय कर दी।

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका में मुकदमे की सुनवाई करने के सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) कोर्ट के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी गई है।

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सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) ने इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान 25 फरवरी 2020 को आदेश दिया था कि मुसलमानों के मध्य विवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार वक्फ न्यायाधिकरण को है जबकि गैर मुस्लिम के स्वामित्व की सुनवाई का क्षेत्राधिकार सिविल कोर्ट को है। इस आदेश को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने चुनौती दी है।

अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद पर फिर एक हजार का हर्जाना

ज्ञानवापी को लेकर वाराणसी निवासी विवेक सोनी व जयध्वज श्रीवास्तव की ओर से दाखिल मुकदमे में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से सोमवार को स्थगन प्रार्थना पत्र देने पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) प्रशांत कुमार सिंह की अदालत ने नाराजगी जताते हुए एक हजार रुपये का हर्जाना लगाया।

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बीते शनिवार को सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतेजामिया की ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र देकर कहा गया था कि उनके वरिष्ठ अधिवक्ता शहर से बाहर हैं। लिहाजा कोई अन्य तारीख दी जाए। इस पर वादी पक्ष के वकीलों देशरत्न श्रीवास्तव व नित्यानंद राय ने कड़ी आपत्ति जताई।

अदालत ने अंजुमन इंतेजामिया पर 300 रुपये का हर्जाना लगाते हुए चेतावनी दी थी कि अब और कोई स्थगन स्वीकार नहीं होगा। इसके बावजूद सोमवार को फिर वरिष्ठ वकील के शहर से बाहर होने की बात कहते हुए अंजुमन इंतेजामिया की ओर से सुनवाई की तारीख मांगी गई।

मुकदमे में ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को आदि ज्योतिर्लिंग श्रीकाशी विश्वनाथ बताते हुए उनके पूजा-पाठ, आरती, दुग्धाभिषेक आदि की अनुमति देने के साथ इसमें व्यवधान डालने वालों को रोकने की मांग की गई है।


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