Move to Jagran APP

महाराष्ट्र सरकार को राहत, हाईकोर्ट का फैसला- छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव ही रहेंगे इन दो जिलों के नाम

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को औरंगाबाद जिले का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं खारिज कर दी है।मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं। कोर्ट ने कहा याचिकाएं योग्यता रहित और इसलिए खारिज की जाती हैं।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Published: Wed, 08 May 2024 12:34 PM (IST)Updated: Wed, 08 May 2024 12:34 PM (IST)
बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दी बड़ी राहत (Image: ANI)

पीटीआई, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। अब औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव ही रहेगा। दरअसल, 2022 में, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में महाराष्ट्र कैबिनेट ने औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने को मंजूरी दी थी।

loksabha election banner

महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर दी थी चुनौती

इसके बाद औरंगाबाद निवासियों द्वारा जगह का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने के सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दायर की गईं। उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव करने के सरकार के फैसले के खिलाफ उस्मानाबाद के 17 निवासियों ने एक और जनहित याचिका दायर की थी। दोनों याचिकाओं में सरकार के फैसले को 'राजनीति से प्रेरित' बताया गया है।

पीठ ने क्या कहा?

मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने कहा, 'हमें यह मानने में कोई झिझक नहीं है कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना किसी भी कानूनी दोष से ग्रस्त नहीं है।' उच्च न्यायालय ने कहा, याचिकाएं योग्यता रहित हैं और इसलिए खारिज की जाती हैं।'

राजनीतिक नहीं इतिहास के कारण बदला गया नाम

16 जुलाई, 2022 को दो सदस्यीय कैबिनेट द्वारा नाम बदलने के लिए एक सरकारी प्रस्ताव पारित किया गया और फिर केंद्र सरकार को भेज दिया गया। फरवरी 2023 में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शहरों और जिलों के नाम बदलने के लिए अनापत्ति पत्र दिया और उसके बाद, राज्य सरकार द्वारा औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने के लिए एक गजट अधिसूचना जारी की गई। महाराष्ट्र सरकार ने याचिकाओं का विरोध करते हुए दावा किया था कि दोनों स्थानों का नाम उनके इतिहास के कारण बदला गया है, न कि किसी राजनीतिक कारण से।

यह भी पढ़ें: 2.5 करोड़ दो और EVM हैक कर बढ़ जाएंगे वोट...सेना के जवान ने शिवसेना (UBT) नेता से मांगी रिश्वत; गिरफ्तार

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Elections 2024: मतदान करने आए युवक ने पेट्रोल डालकर EVM में लगा दी आग, देखते रह गए ड्यूटी पर मौजूद चुनाव अधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.