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Chandigarh News: डॉक्टरों पर बिना जांच FIR पर हाईकोर्ट सख्त, केंद्र सरकार जवाब दे वरना देना होगा हजारों का जुर्माना

डॉक्टरों पर बिना जांच एफआईआर करने के मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार जवाब दे वरना 10 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन न होने का आरोप लगाया गया है। मेडिकल लापरवाही के मामले में डॉक्टरों को बचाने के लिए आरोपों की प्राथमिक जांच के बाद ही मामला दर्ज करने का प्रावधान है।

By Inderpreet Singh Edited By: Deepak Saxena Published: Sat, 25 May 2024 03:54 PM (IST)Updated: Sat, 25 May 2024 03:54 PM (IST)
डॉक्टरों पर बिना जांच FIR पर हाईकोर्ट सख्त (फाइल फोटो)।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप की स्थिति में पुलिस की तरफ से बिना प्राथमिक जांच के एफआईआर दर्ज करने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि अगली सुनवाई पर केंद्र ने जवाब नहीं दिया तो 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।

डॉक्टरों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने से पहले प्राथमिक जांच किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद हरियाणा और पंजाब में हालात बदतर होने को लेकर स्वयं सेवी संस्था मेडिकोज लीगल एक्शन ग्रुप ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। पंजाब, हरियाणा तथा चंडीगढ़ प्रशासन को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

याचिका में कही गई ये बात

याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में डॉक्टरों को बेवजह कानूनी कार्रवाई का हिस्सा बनाने से बचाने के लिए दिशा-निर्देश दिए थे। मेडिकल लापरवाही के मामले में डाक्टरों को बचाने के लिए पहले आरोपों की प्राथमिक जांच और फिर सिविल सर्जन की अगुवाई वाली कमेटी की जांच के बाद ही आपराधिक मामला दर्ज करने का प्रावधान किया गया था।

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इस मामले पर केंद्र क्यों चुप

इसके बावजूद पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में दिशा निर्देशों की अनदेखी करते हुए डाक्टरों के खिलाफ केस दर्ज किए जा रहे हैं। पिछली सुनवाई पर एमसीआइ का जवाब न आने पर हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाई थी। इसी बीच केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि इस मामले में केंद्र क्यों चुप बैठा है।

एमसीआई भी तो केंद्र के अधीन आता है। कोर्ट ने अब केंद्र सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही स्पष्ट किया है कि यदि अगली सुनवाई पर जवाब नहीं आया तो 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।

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