संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर: Hemkund Sahib: हेमकुंड साहिब परिसर में स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट गुरुवार सुबह 11 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। ऐसा पहली बार हुआ है जब लोकपाल मंदिर के कपाट हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के साथ नहीं खुले।
पीढ़ियों से चली परंपरा के अनुसार अब तक दोनों धाम के कपाट एक ही दिन खोले और बंद किए जाते रहे हैं। इस संबंध में श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर समिति पुलना के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि शुक्रवार से कृष्ण पक्ष शुरू हो रहा है और शास्त्रों के अनुसार इस अवधि में मंदिरों के कपाट नहीं खोले जाने चाहिए। इसलिए शुक्ल पक्ष में ही बुद्ध पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त पर मंदिर के कपाट खोले गए।
23 मई को ही कपाट खोल दिए
चमोली जिले में समुद्रतल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के साथ 25 मई को खोले जाने थे। लेकिन, श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर समिति पुलना ने परंपरा को तोड़ते हुए 23 मई को ही कपाट खोल दिए। पुजारी पं. भगवती प्रसाद पांडेय के साथ भ्यूंडार के हक-हकूधारी सुबह हेमकुंड पहुंचे और फिर विधि-विधान से मंदिर के कपाट खोले गए। इस मौके पर हक-हकूकधारी कुंदन सिंह चौहान, रूपेश चौहान, कुशल चौहान समेत कई श्रद्धालु मौजूद रहे।
श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि लोकपाल मंदिर के कपाट खोलने की परंपरा में बदलाव किया गया है। वहीं, गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह का कहना है कि उन्हें लोकपाल मंदिर के कपाट खुलने की जानकारी मिली है। वैसे दोनों धाम के कपाट एक साथ खुलते रहे हैं।
पंज प्यारों की अगुआई में गोविंदघाट पहुंचा जत्था
ऋषिकेश से पंज प्यारों की अगुआई में हेमकुंड साहिब के लिए चला श्रद्धालुओं का जत्था गुरुवार को गोविंदघाट पहुंच गया। आज यह जत्था घांघरिया पहुंचेगा। गोविंदघाट में श्रद्धालुओं के आने का क्रम भी शुरू हो गया है।
हेमकुंड साहिब के मुख्य प्रबधंक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि एक हजार से अधिक श्रद्धालु घांघरिया भी पहुंच चुके हैं। यहां से सभी 25 मई की सुबह हेमकुंड के लिए रवाना होंगे। उसी दिन दोपहर धाम के कपाट खोले जाने हैं। वहीं, हेमकुंड साहिब को फूलों से सजाने का कार्य पूरा हो गया है। धाम में विद्युत व पेयजल आपूर्ति भी बहाल हो गई है।