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World Heritage Day: ये परिंदे भी धरोहर हैं, थाती मान इन्हें भी बचाइए

रुस्तमपुर के रमन कुमार मंडल ने अपने पोस्टकार्ड एवं डाक टिकट संग्रह को प्रदर्शनी में लोगों के अवलोकनार्थ रखा है। वह 12 मार्च 1930 को निकली डांडी यात्रा के उपलक्ष्य में जारी पोस्टकार्ड दिखाते हैं तो वहीं 1935 में चलने वाले डार्क रनर टिकट को दिखा इसका इतिहास बताते हैं। धरोहरों पर आधारित पोस्टकार्डों का उनका संग्रह भी खास है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Published: Fri, 19 Apr 2024 02:25 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2024 02:25 PM (IST)
एमजी कालेज के सभागार में धरोहर पर आयोजित प्रदर्शनी। जागरण

 जागरण संवाददाता, गोरखपुर। विश्व धरोहर दिवस पर महात्मा गांधी इंटर कालेज के हाल में दो दिवसीय प्रदर्शनी के पहले दिन गुरुवार को कला, इतिहास, समाज, विज्ञान सहित विभिन्न विषयों का अद्भुत कोलाज सजा। इसमें जीव और जीवन के हर रंग चटख हो रहे थे। चार बजे शुरू हुई प्रदर्शनी में घुसते ही धरोहरों के प्रति प्यार के बीच परिंदों के मनमोहक संसार ने ध्यान खींचा।

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एक के बाद एक, 10 कैनवास पर पक्षियों के चित्र सजे थे। इनके सामने खड़े थे चित्रकार आदर्श कुमार जैन। उत्तराखंड के श्यामला के रहने वाले आदर्श अब तक अपने चित्रों की एकल प्रदर्शनी ही आयोजित करते थे, लेकिन धरोहरों के संरक्षण की जागरूकता के उद्देश्य से आयोजित इस प्रदर्शनी का आमंत्रण मिला तो वह विलुप्त हो रहे परिंदों के चित्रों को लेकर यहां आए।

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आज वह पूरे उत्साह के साथ प्रदर्शनी में आए दर्शकों को चित्रों को दिखा अपील कर रहे थे कि ये परिंदे भी धरोहर हैं, थाती मान इन्हें भी बचाइए। स्टेट बैंक में मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद बर्ड वाचर के रूप में सक्रिय आदर्श कुमार जैन ने अपने इसी शगल को जीने के लिए 30 वर्ष पूर्व श्यामला की उन वादियों को अपना ठिकाना बनाया, जहां तब जाने के लिए न बेहतर रास्ते थे और न ही बिजली जैसे आज के मूलभूत संसाधन।

आदर्श जैन के मुताबिक उत्तराखंड के साथ देश-विदेश में प्रवास कर बहुत-सी प्रजातियों के परिंदे देखे और उनके चित्र बनाए। इस प्रदर्शनी में हरियाणा के राजकीय पक्षी काला तीतर का चित्र भी लेकर आया हूं। पहले ये देश भर में दिख जाते थे, लेकिन आज मुश्किल से नजर आते हैं।

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इंडियन फ्लाईकेचर भी इसी तरह से गायब हो रही हैं। अब ये हालीवुड की फिल्मों में फुदकती दिखती हैं। देश में कभी ग्रीन पिजन भी अच्छी-खासी संख्या में थे, जो अब गायब होने की कगार पर हैं। दोनों डैने में दो बच्चों को दबाए ग्रीन पिजन को देखकर उसका चित्र बनाने की प्रेरणा मिली, जो प्रदर्शनी में सबके सामने है।

डाक टिकटों और पोस्टकार्डों का रोचक संग्रह

रुस्तमपुर के रमन कुमार मंडल ने अपने पोस्टकार्ड एवं डाक टिकट संग्रह को प्रदर्शनी में लोगों के अवलोकनार्थ रखा है। वह 12 मार्च, 1930 को निकली डांडी यात्रा के उपलक्ष्य में जारी पोस्टकार्ड दिखाते हैं तो वहीं 1935 में चलने वाले डार्क रनर टिकट को दिखा इसका इतिहास बताते हैं। धरोहरों पर आधारित पोस्टकार्डों का उनका संग्रह भी खास है। श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में जारी स्मारक टिकट भी उनके पास हैं।

महापौर ने किया उद्घाटन जुटे शहर के कलाप्रेमी

दो दिवसीय इस प्रदर्शनी का उद्घाटन महापौर डा. मंगलेश श्रीवास्तव ने किया। इससे पहले राज्य ललित कला अकादमी की ओर से इस प्रदर्शनी का आयोजन करने वाली दीप्तिमान संस्कृति फाउंडेशन फार आर्ट कल्चर एंड हेरिटेज के मुख्य ट्रस्टी डा. संदीप कुमार श्रीवास्तव ने उनका स्वागत किया। इस दौरान हरि प्रसाद सिंह, रीता श्रीवास्तव, ममता श्रीवास्तव सहित बहुत से कलाप्रेमी प्रदर्शनी का अवलोकन करने पहुंचे।


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