Move to Jagran APP

Haryana News: बिजली निगम काट रहा उपभोक्ताओं की जेब, जान लीजिए क्या कहता है बीआर-5 नियम?

अगर आपका बिल भी खर्च बिजली से ज्यादा आ रहा है तो ये खबर आपके लिए ही है। दरअसल बिजली निगम ने उपभोक्ताओं को बिना बताए ही नए नियम के तहत जेब काटनी शुरू कर दी है। अगर आपका बिल ज्यादा आया और आपने बिल भर भी दिया। लेकिन जब आपको पता लगेगा तो निगम में शिकायत करने पर भी आपकी अतिरिक्त राशि को वापस नहीं किया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Deepak Saxena Published: Sun, 26 May 2024 12:38 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2024 12:38 PM (IST)
बिजली निगम काट रहा उपभोक्ताओं की जेब (सांकेतिक)।

सुरेश मेहरा, भिवानी। बिजली निगम (Electricity Corporation) ने उपभोक्ताओं के साथ बड़ा खेला किया है। बिजली निगम ने नया नियम बनाकर चुपके से उपभोक्ताओं की जेब काटनी शुरू कर दी है। बिजली निगम ने गलती से आपको कुछ बिल आपकी यूनिट से ज्यादा थमा दिए या आपका मीटर जंप कर गया।

इससे आपका बिल ज्यादा राशि का आएगा। आपने इस तरह के बिल भर भी दिए। आपको पता चलने पर निगम में शिकायत की तो आपको आपका ही रुपया वापस नहीं मिलेगा।

नए नियम के तहत आपको जब आपने शिकायत की है उस अंतिम बिल की राशि ही वापस मिल सकेगी। आपने चाहे कितनी ही बड़ी राशि जमा करवाई हो वह आपको नहीं मिलेगी। नए नियम से पहले आप अपना रुपया वापस ले सकते थे।

ये भी पढ़ें: Haryana News: नौतपा की तपन में भी दिखा मतदाताओं में जोश, 65 प्रतिशत हुआ मतदान; चार जून को होगा किस्मत का फैसला

ये है बीआर-5 नियम

बिजली बिल रिवीजन होता है। रीडिंग गलत हैं तो ठीक करवा सकते हैं। आपका कोई केस कोर्ट में है तो कोर्ट के आदेशों की पालना इस नियम के तहत ही होती है।

कैसे उपभोक्ता का बिल ज्यादा

  • मीटर रीडिंग लेने वाली एजेंसी की लापरवाही के कारण।
  • कई माह तक औसत बिल देना।
  • बाद में अचानक रीडिंग का बल देना।
  • किसी फाल्ट की वजह से मीटर की डिस्पले बंद हो जाना।
  • मीटर की डिस्पले ठीक होने के बाद एक साथ मीटर रीडिंग का बिल देना।

ये भी पढ़ें: Anshul Murder Case: दोस्त की पीठ में 50 बार घोंपा सुआं, तड़प-तड़प कर गई जान...अब आरोपी सलाखों के पीछे


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.