Meerut News: हमारा क्या कसूर? थाने में मां से लिपटकर रोने लगी बेटियां, नौकरी के लालच ने करा दिया बड़ा अपराध
मां हमारा क्या कसूर है? यह कहकर दोनों बेटियां जानी थाने की हवालात में मां पूनम से लिपटकर रोने लगी। दोनों बेटियां अपनी मां के साथ-साथ मेडिकल और कोर्ट तक गईं। शायद उन्हें आस थी कि मम्मी छूट जाएगी। कोर्ट ने सभी चारों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। उसके बाद पुलिस ने दोनों बेटियों को नानी के घर नई बस्ती टीपीनगर छोड़ दिया।
जागरण संवाददाता, मेरठ। मां हमारा क्या कसूर है? यह कहकर दोनों बेटियां जानी थाने की हवालात में मां पूनम से लिपटकर रोने लगी। दोनों बेटियां अपनी मां के साथ-साथ मेडिकल और कोर्ट तक गईं। शायद उन्हें आस थी कि मम्मी छूट जाएगी। कोर्ट ने सभी चारों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। उसके बाद पुलिस ने दोनों बेटियों को नानी के घर नई बस्ती टीपीनगर छोड़ दिया।
23 अप्रैल को जानी थाना क्षेत्र में सिसौला बंबा के पास मिले शव की पहचान सिविल लाइंस थाने के सूरजकुंड निवासी नरेंद्र के रूप में हुई थी। नरेंद्र दिव्यांग था, जो सूरजकुंड स्थित पशु चिकित्सालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। दोनों आंखों से नरेंद्र को कुछ दिखाई नहीं देता था। पुलिस के सामने सवाल था कि वह सूरजकुंड से जानी कैसे पहुंचा।
पूनम ने प्रेमी संग मिलकर की नरेंद्र की हत्या
जांच में सामने आया कि पत्नी पूनम ने ही अपने प्रेमी धीरज निवासी नई बस्ती के साथ मिलकर नरेंद्र की हत्या का प्लान बनाया। नरेंद्र को शराब पिलाकर जानी क्षेत्र में ले जाकर अमनदीप और चांद के साथ मिलकर हत्या की। इसके लिए पूनम से 80 हजार की सुपारी भी धीरज ने ली थी। 40 हजार की रकम खुद रखी। बाकी 20-20 हजार रुपये अपने साथी नई बस्ती निवासी अमनदीप और चांद को दिए।
गौरतलब है कि पूनम भी नई बस्ती की रहने वाली है, जो पड़ोस में रहने वाले धीरज से पांच साल से प्रेम करती थी। इसी के चलते उसने नरेंद्र की हत्या की योजना बनाई। ताकि नरेंद्र के स्थान पर नौकरी मिल जाए और धीरज से शादी कर ले। धीरज ने अपनी पत्नी को तलाक भी दे दिया था।