घर बैठे पैसे कमाने का लालच बना रहा कंगाल, इन तरीकों से साइबर अपराधी कर रहे Online Fraud; लाखों गंवा रहे लोग
साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वे होटल मूवीज फोटो गेम्स रेटिंग व लाइक के नाम पर पार्ट टाइम जाब का झांसा देकर अपने जाल में फंसाते हैं और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी आदि में निवेश का झांसा देकर बैंक खातों में निवेश करवाते हैं। इसके बाद रुपये लेकर गायब हो जाते हैं। लुटने के बाद लोग पुलिस के पास पहुंच रहे हैं।
दिलीप कुमार, रांची। घर बैठे धन कमाने का लालच लोगों को कंगाल बना रहा है। साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वे होटल, मूवीज, फोटो, गेम्स रेटिंग व लाइक के नाम पर पार्ट टाइम जाब का झांसा देकर अपने जाल में फांसते हैं।
उन्हें क्रिप्टोकरेंसी आदि में निवेश का झांसा देकर बैंक खातों में निवेश करवाते हैं और रुपये लेकर चंपत हो जाते हैं। ज्यादा की लालच में लोग मेहनत की कमाई गंवा रहे। लुटने के बाद पुलिस तक पहुंच रहे, जिसपर तेजी से काम भी चल रहा है।
साइबर पुलिस ने दस आपराधी किए गिरफ्तार
झारखंड पुलिस की अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने में अब तक इस तरह की तीन अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज हुईं हैं, जिसमें पुलिस ने बड़े अंतरराज्यीय-अंतरदेशीय गिरोह के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है।
साइबर अपराध थाने की पुलिस ने इस गिरोह के अलग-अलग ठिकानों से न सिर्फ दस अपराधियों को गिरफ्तार किया है, बल्कि कोर्ट से अनुमति लेकर 30 लाख रुपये भी पीड़ितों को वापस करवा दिया है। पुलिस आम लोगों से बराबर अपील भी कर रही है कि वे सतर्क रहें और किसी भी अज्ञात नंबर या लिंक के चक्कर में न पड़ें और न हीं क्लिक ही करें।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर ठगे 63.98 लाख
सीआइडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने लूडो एवं फिशडम को लाइक कर स्क्रीन शाट भेजने का पार्ट टाइम जाब आफर कर टेलीग्राम प्रोफाइल से एक पीड़िता से संपर्क किया।
साइबर अपराधियों ने उसे टास्क दिया, कुछ पैसे भी दिए और कमाई व कमीशन के पैसों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का झांसा देकर 63 लाख 98 हजार 824 रुपये की ठगी कर ली।
इस मामले में साइबर अपराध थाना में सात दिसंबर 2023 को दर्ज प्राथमिकी के मामले में पुलिस ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ से दो युवक राहुल त्रिपाठी व देव प्रकाश को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज तो जब्त किया ही पीड़िता के ठगी के 28 लाख रुपयों को भी वापस करवाया।
जमशेदपुर से तीन पकड़ें, डिजिटल उपकरण व अन्य साक्ष्य बरामद
दो दिन पहले साइबर अपराध थाने की पुलिस ने जमशेदपुर के तीन युवक शेखर कुमार, बंटी मुशी व सुब्रोतो विश्वास को गिरफ्तार किया। उनपर एक पीड़िता को लिंक भेजकर टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क करने व होटल रेटिंग के नाम पर पार्ट टाइम जाब का आफर देकर चूना लगाने का आरोप है।
टेलीग्राम प्रोफाइल के माध्यम से दिए गए टास्क को करने के लिए पहले पीड़ित से विभिन्न बैंक खातों में पैसा डलवाया, कुछ रिटर्न भी किया। बाद में रुपये लौटाना बंद किया और इस तरह पीड़ित को 2.88 लाख रुपये का चूना लगा दिया। इस केस में भी साइबर अपराध थाने की पुलिस ने कोर्ट की अनुमति से पीड़ित के एक लाख रुपये खाते में वापस भी करवा दिया।
अरगोड़ा के सरकारी कर्मचारी को भी लगा चुके हैं 28.94 लाख का चूना
मूवीज रेटिंग में कमीशन व निवेश पर अच्छे बोनस का झांसा देकर साइबर अपराधियों ने अरगोड़ा के एक सरकारी कर्मचारी को भी 28 लाख 94 हजार 505 रुपये का चूना लगा दिया था। 14 जनवरी 2023 को दर्ज प्राथमिकी में साइबर अपराध थाना रांची की पुलिस ने ओडिशा से दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार आरोपितों में ओडिशा के बालासोर जिले के सदर थाना क्षेत्र के रोसालपुर निवासी सुरेंद्र दास व बालासोर जिले के ही इंडस्ट्रीयल एरिया थाना क्षेत्र के संबलपुर बलिया का निवासी राजकिशोर नंदा शामिल थे।
इसमें बिहार के पटना स्थित कंकड़बाग से संजीव कुमार नामक एक व्यक्ति की भी गिरफ्तारी हुई थी। बिहार शरीफ व हजारीबाग से भी एक-एक अपराधी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। इस केस में भी साइबर अपराध थाने की पुलिस ने पीड़ित के खाते में कोर्ट के माध्यम से एक लाख रुपये वापस भी करवा दिया।
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ऐसे बनाते हैं शिकार
साइबर अपराधी अपना शिकार टेलीग्राम के माध्यम से ढूढ़ते हैं। ये टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क करते हैं। उन्हें एक लिंक (एचटीटीपीएस://डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट अलामो-प्लेटफार्म डॉट काम/इंडेक्स) भी भेजते हैं। ये उक्त लिंक पर लाग इन कर मूवीज रेटिंग करने का पार्ट टाइम जाब आफर करते हैं।
इसके बाद उन्हें विभिन्न टेलीग्राम प्रोफाइल में जोड़कर मूवीज रेटिंग, होटल रेटिंग, फोटो रेटिंग का दबाव बनाते हैं। उक्त टेलीग्राम प्रोफाइल से दिए गए टास्क को पूरा करने पर शुरू में उनके पेटीएम खाते में कुछ रुपये क्रेडिट कर देते हैं।
ऐसे जीतते हैं विश्वास
इसके बाद उन्हें भुगतान से प्राप्त रुपयों को अलग-अलग बैंकों में निवेश करने का झांसा देते हैं और बताते हैं कि इस पर अच्छा बोनस मिलेगा। लोग इसी लालच में फंसते हैं और साइबर अपराधियों के दिए गए बैंक खातों में रुपये जमा करने लगते हैं।
साइबर अपराधी यह भी आश्वासन देते हैं कि रेटिंग पूरी होने पर सभी रुपये कमीशन के साथ वापस कर दिए जाएंगे। रेटिंग पूरे होने पर उनके पेटीएम खाते में कुछ रुपये क्रेडिट कर उनका विश्वास जीतते हैं। बाद में सभी रुपये हड़प लेते हैं।
यहां जमा किए करोड़ों रुपये
साइबर अपराधियों ने पीड़ितों को विभिन्न कंपनियों के नाम पर बने हुए अलग-अलग बैंक खाताओं में इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भी पैसे डलवाया।
फाइनेंसियल ट्रेल विश्लेषण में फर्जी कंपनी के नाम पर पंजीकृत कंपनियाें के बैंक खाते महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, हैदराबाद व दिल्ली में मिले, जिसमें करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ था।
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