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आठ महीने बाद भी नहीं भर पाई कांग्रेस दफ्तर की नींव, अब क्राउड फंडिंग के जरिए चंदा जुटाएगी पार्टी

राजस्थान में कांग्रेस के खुद का दफ्तर का सपना जल्द पूरा हो सकता है। दफ्तर बनाने के लिए क्राउड फंडिंग की मदद ली जाएगी। करीब आठ महीने पहले मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने शिलान्यास का पत्थर रखा था। अब चंदा एकत्रित करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने जयपुर के मानसरोवर में छह हजार वर्गगज जमीन आवंटित की थी।

By Jagran News Edited By: Manish Negi Published: Thu, 23 May 2024 03:01 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2024 03:01 PM (IST)
राजस्थान में क्राउड फंडिंग के जरिए बनेगा कांग्रेस दफ्तर

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस का खुद का कार्यालय भवन बनाने का सपना अब पूरा होगा। कांग्रेस अपने खुद के भवन में कार्यालय बनाने के लिए आम लोगों एवं पार्टी कार्यकर्ताओं से चंदा इकट्ठा करेगी। धन के अभाव में शिलान्यास का पत्थर रखने के करीब आठ महीने बाद भी इस भवन की नींव तक नहीं भरी गई है, लेकिन अब आम लोगों एवं पार्टी कार्यकर्ताओं (क्राउड फंडिंग) से चंदा एकत्रित कर भवन का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। चंदा एकत्रित करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

भवन निर्माण के लिए बनेगी कमेटी

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि कांग्रेस चाहती है कि पार्टी की विचारधारा से जुड़े लोगों के सहयोग से यह भवन बनकर तैयार हो। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भवन निर्माण को लेकर एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है। यह कमेटी भवन निर्माण के लिए पैसा एकत्रित करने के साथ ही सभी आवश्यक कामकाज देखेगी।

खरगे और राहुल ने किया था शिलान्यास

उल्लेखनीय है कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 23 सितंबर 2023 को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जयपुर में भवन का शिलान्यास किया था। तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने जयपुर के मानसरोवर में छह हजार वर्गगज जमीन आवंटित की थी।

80 करोड़ की लागत से बनेगा दफ्तर

योजना के अनुसार, करीब 80 करोड़ रूपए की लागत से मल्टीस्टोरी भवन बनाया जाएगा। वर्तमान में जयपुर के स्टेशन रोड़ में संचालित कांग्रेस का कार्यालय पुराने भवन में है। यह भवन करीब तीन दशक पहले कांग्रेस (एस) के कांग्रेस (आई) में विलय के समय पार्टी को मिला था। दरअसल, यह भवन मूल रूप से कांग्रेस (एस) का था जो बाद में कांग्रेस (आई) के कब्जे में आ गया।


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