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Modi On Reservation: पीएम पर कांग्रेस का पलटवार हम नहीं भाजपा खत्म करना चाहती है एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण

लोकसभा चुनाव प्रखर अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयानों का खंड़न करने में पूरा जोर लगा रही कांग्रेस ने अब भाजपा पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ ही नहीं है बल्कि इसे खत्म भी करना चाहती है। कांग्रेस ने एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण खत्म करने के लगाए पीएम के आरोपों को झूठा प्रचार करार दिया।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Published: Sat, 27 Apr 2024 07:41 PM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2024 07:41 PM (IST)
प्रधानमंत्री बार-बार गलत प्रचार कर रहे हैं- कांग्रेस (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव प्रखर अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयानों का खंड़न करने में पूरा जोर लगा रही कांग्रेस ने अब भाजपा पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ ही नहीं है बल्कि इसे खत्म भी करना चाहती है।

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कांग्रेस पर एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण खत्म करने के लगाए पीएम के आरोपों को 'झूठा प्रचार' करार देते हुए पार्टी के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सच्चाई यह है कि इन वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान कांग्रेस ने किया है। जयराम ने दावा किया कि भाजपा और पीएम मोदी चुनाव में चार सौ सीटें की बात इसलिए कर रहे कि ताकि संविधान बदलने के साथ एससी-एसटी व ओबीसी आरक्षण को वे खत्म कर सकें।

प्रधानमंत्री बार-बार गलत प्रचार कर रहे हैं- कांग्रेस

कांग्रेस पर कोटा छीनने के लगाए पीएम मोदी के आरोपों पर बयान जारी करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार गलत प्रचार कर रहे हैं कि हम एससी-एसटी व ओबीसी के आरक्षण के खिलाफ है और इसे छीनना चाहती है। पीएम का यह बयान बिल्कुल गलत है और सच्चाई यह है कि 1950 के बाद से शिक्षा और रोजगार में आरक्षण तब संभव हुआ है जब केंद्र में कांग्रेस की सरकारें और प्रधानमंत्री रहे।

आरक्षण के लिए संविधान में प्रावधान कांग्रेस ने किया

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आरक्षण के लिए संविधान में प्रावधान बाबा साहब अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल सरीखे कांग्रेस नेताओं की अहम भूमिका थी और इसमें कांग्रेस का योगदान था।

केंद्र की नौकरियों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण दिया

जयराम ने कहा कि इसी तरह 1994 में जब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, तब पहली बार केंद्र सरकार की नौकरियों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। जबकि 2006 में कांग्रेस-यूपीए सरकार का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में उच्च शिक्षण संस्थाओं में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इन तथ्यों से साफ है कि 1950 के बाद से एससी-एसटी और ओबीसी के लिए शिक्षा व रोजगार में आरक्षण तब संभव हुआ है जब कांग्रेस की सरकारें और प्रधानमंत्री थे।

भाजपा के चलते महिला आरक्षण में ओबीसी के लिए प्रावधान नहीं

ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा पर प्रहार करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि कुछ महीने पहले जब महिला आरक्षण विधेयक पर संसद में बहस हो रही थी तब कांग्रेस ने ओबीसी महिलाओं को भी इसमें आरक्षण देने की मांग की थी। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया और पीएम ने इस बारे में कुछ नहीं कहा। भाजपा के रूख के चलते महिला आरक्षण में ओबीसी के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया जबकि यह कांग्रेस की गारंटी का नतीजा है कि एससी-एसटी और ओबीसी को शिक्षा और नौकरियों दोनों में आरक्षण उपलब्ध है।

भाजपा की मंशा एससी-एसटी आरक्षण को खत्म करना

जयराम ने यह भी आरोप लगाया कि चार सौ पार सीटें मांगने के पीछे भाजपा की मंशा एससी-एसटी और ओबीसी के मौजूदा आरक्षण को खत्म करने की है और इसीलिए मोदी सरकार जनगणना तथा जाति जनगणना नहीं करा रही है।

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