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Chardham Yatra 2024: हृदयगति रुकने से हेमकुंड व बदरीनाथ में चार तीर्थ यात्रियों की मौत

Chardham Yatra 2024 हेमकुंड साहिब यात्रा पर आए पंजाब के तीन तीर्थ यात्रियों की हृदयगति रुकने से मौत हो गई। हेमकुंड साहिब के बेस कैंप घांघरिया में ठहरे पंजाब के रुस्तमगढ़ (संगरूर) निवासी सुरजीत सिंह (35) रविवार को अपने कमरे में मृत मिले। मौत की वजह हृदयगति रुकना है। हेमकुंड साहिब समेत चारों धाम में हृदयगति रुकने से मरने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 62 पहुंच गई है।

By Devendra rawat Edited By: Nirmala Bohra Published: Mon, 27 May 2024 08:40 AM (IST)Updated: Mon, 27 May 2024 08:40 AM (IST)
Chardham Yatra 2024: चारों धाम में हृदयगति रुकने से मरने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 62 पहुंच गई है।

संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर: Chardham Yatra 2024: हेमकुंड साहिब यात्रा पर आए पंजाब के तीन तीर्थ यात्रियों की हृदयगति रुकने से मौत हो गई। इसके अलावा बदरीनाथ धाम में भी हृदयगति रुकने से एक तीर्थयात्री ने दम तोड़ा। इसी के साथ हेमकुंड साहिब समेत चारों धाम में हृदयगति रुकने से मरने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 62 पहुंच गई है।

जानकारी के अनुसार शनिवार को पंजाब के माछीवाड़ा (लुधियाना) निवासी कुलवंत सिंह (64) को अटलाकोटी हिमखंड और लुधियाना निवासी जसवेंद्र सिंह (60) को रामढुंगी के पास सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद घांघरिया चिकित्सालय पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

वहीं, हेमकुंड साहिब के बेस कैंप घांघरिया में ठहरे पंजाब के रुस्तमगढ़ (संगरूर) निवासी सुरजीत सिंह (35) रविवार को अपने कमरे में मृत मिले। मौत की वजह हृदयगति रुकना बताया जा रहा है। वहीं, स्वजन के साथ बदरीनाथ दर्शन को पहुंचे अटाली (महाराष्ट्र) निवासी कैलाश हरिश्चंद्रा पाटिल (49) ने भी सीने दर्द उठने के बाद दम तोड़ दिया।

केदारनाथ धाम में हाइपोथर्मिया व हार्ट अटैक बन रहा मौत का कारण

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम की 17 दिनों की यात्रा में 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। मौत का कारण हाइपोथर्मियां व ह्दय गति रुकना मुख्य रूप से सामने आ रहा है। जिन यात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पूर्व में रही हैं, उन्हें ही केदारनाथ धाम में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आ रही हैं।

केदारनाथ धाम में इन दिनों रोजाना हल्की बारिश होने पर तापमान शून्य डिग्री तक पहुंच रहा है। प्रतिदिन दोपहर बाद बारिश हो रही है। जिससे तापमान काफी कम है, शर्द हवाएं हर समय धाम में चलती रहती है। वहीं कई यात्री शर्ट व बिना गर्म कपड़ों के ही धाम में पहुंच रहे हैं। बारिश में भीगने पर स्थिति ओर खराब हो रही है। अधिक ठंड लगने से यात्रियों को हाइपोथर्मियां के शिकार हो रहे हैं। जो कि मौत का कारण भी बन रहा है।

वहीं जिन यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें रही हैं उन्हें भी केदारनाथ धाम में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आ रही हैं। आम तौर पर यात्री गर्म इलाके से जब सीधे केदारनाथ धाम पहुंच रहा है तो इसका बुरा असर उसके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। पुलिस व प्रशासन द्वारा लगातार यात्रियों को केदारनाथ धाम के एलाउसमेंट के माध्यम से मौसम के बारे में जानकारी दी जाती रहती है।

इसके बावजूद बड़ी संख्या में यात्री बिना गर्म कपड़ों के ही केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं, जो कि मौत का कारण भी बन रहा है। पचास वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों के स्वास्थ्य संबंधी जांच सरकार ने जरूरी बताया है, लेकिन यात्री बिना जांच के ही केदारनाथ धाम पहुंच रहा है। यात्रियों की काफी अधिक है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक यात्री की स्वास्थ्य जांच करना भी संभव नहीं है।

वहीं यह भी समस्या आ रही है कि यात्री को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर वह तत्काल डाकटर के पास नहीं जा रहा है, जब अधिक समस्या आ रही है तभी वह हास्पटिल पहुंच रहा है, जो कि मौत का कारण बन रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एचसीएस मर्तोलिया ने बताया कि केदारनाथ यात्रा में ओपीडी के माध्यम से 2008 तीर्थ यात्रियों का उपचार किया गया, जिसमें 1329 पुरुष एवं 679 महिलाएं शामिल है।

अबतक ओपीडी एवं इमरजेंसी के माध्यम से 34,655 श्रद्धालुओं का उपचार किया गया है, जिसमें 26,554 पुरुष, 8,101 महिला शामिल हैं। 234 श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध कराई गई। अबतक 1983 श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पचास वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों के स्वास्थ्य जांच जरूरी है, प्रत्येक यात्री की जांच करना संभव नहीं है।

सोनप्रयाग समेत पूरे यात्रा मार्ग पर पर्याप्त संख्या में डाक्टरों व जीवन रक्षक दवाईयों का उपलब्ध है। लेकिन यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होने के बावजूद समय पर डाक्टर के पास नहीं जा रहे हैं। सीएमओ ने बताया कि धाम में मरने वाले युवा व बुजर्ग दोनो उम्र के यात्री शामिल हैं।


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