Himachal Politics: मुख्यमंत्री के खिलाफ सुधीर शर्मा के दायर मामले पर अब 27 जून को होगी सुनवाई, हाईकोर्ट ने कही ये बात
पूर्व विधायक सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma Case) द्वारा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई को टाल दिया है। अब ये सुनवाई 27 जून को होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को उनके खिलाफ विवादित बयानबाजी करने से रोकने की मांग हेतु अंतरिम राहत के लिए आवेदन दायर किया था।
विधि संवाददाता, शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट में पूर्व विधायक सुधीर शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ दायर मानहानि से जुड़े मामले पर सुनवाई 27 जून के लिए टल गई। इस याचिका पर दो मई को हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सुक्खू को नोटिस जारी किया था। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर इस नोटिस की तामील न होने के कारण न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने प्रार्थी को फिर से नोटिस की तामील करवाने हेतु जरूरी कदम उठाने के आदेश दिए हैं।
प्रार्थी ने इस मामले में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को उनके खिलाफ विवादित बयानबाजी करने से रोकने की मांग हेतु अंतरिम राहत संबंधी आवेदन दायर किया है। आवेदन पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने सुधीर शर्मा को एकपक्षीय अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने अपने आदेशों में यह स्पष्ट किया था कि मामले को अतिआवश्यक तौर पर सुने जाने बाबत वादी सुधीर शर्मा की ओर से कोई विशेष कारण नहीं दिया गया है।
प्रतिवादी को बगैर सुने नहीं दी जा सकती अंतरिम राहत
कोर्ट ने कहा था कि मामले पर अति आवश्यक सुनवाई बाबत कुछ दैनिक समाचार पत्रों में चार व पांच अप्रैल 2024 को प्रकाशित खबरों को आधार बनाया गया है। जबकि इस मामले को 25 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट के समक्ष दायर किया गया है। विवादित समाचार के प्रकाशकों को प्रतिवादी बनाए बगैर आवेदन की गुणवत्ता को लेकर विचार करना अति आवश्यक है और प्रतिवादी को सुने बगैर इस मामले में एक पक्षीय अंतरिम राहत दिया जाना कानूनी तौर पर वाजिब नहीं होगा।
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सीएम सुक्खू ने लगाए 15 करोड़ में बिकने के आरोप
सुधीर शर्मा का आरोप है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने भाषणों में बार-बार उन पर कीचड़ उछाला। कई अपमानजनक टिप्पणियां की है, जिससे उनकी मानहानि हुई है। सुधीर शर्मा की ओर से दायर मामले के अनुसार सुक्खू ने सुधीर शर्मा पर कई झूठे आरोप और गलत टिप्पणियां की है। दलील है कि उन पर 15 करोड़ में बिकने के झूठे आरोप लगाए गए और सबूत होने की बात फैलाई परंतु एक भी सबूत पेश नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री के बयान बाकायदा अखबार और टीवी चैनलों से लेकर सोशल मीडिया तक प्रकाशित और प्रसारित हुए हैं। जिससे सुधीर शर्मा के अनुसार उनकी छवि, प्रतिष्ठा और मान की हानि हुई है।