कानपुर के एक होटल में ब्लॉक कोऑर्डिनेटर की संदिग्ध परिस्थितियों मौत, हत्या का आरोप
Kanpur News दोस्तों के साथ घंटाघर स्थित होटल में रुके इटावा जनपद के एक खंड प्रेरक (ब्लाक कोआर्डिनेटर) की शुक्रवार देर रात हालत बिगड़ गई। होटल प्रबंधन को सूचना देकर दोस्तों ने उसे एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हरबंश मोहाल पुलिस और फोरेंसिक टीम ने जांच पड़ताल कर स्वजन को जानकारी दी।
जागरण संवाददाता, कानपुर। दोस्तों के साथ घंटाघर स्थित होटल में रुके इटावा जनपद के एक खंड प्रेरक (ब्लाक कोआर्डिनेटर) की शुक्रवार देर रात हालत बिगड़ गई। होटल प्रबंधन को सूचना देकर दोस्तों ने उसे एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हरबंश मोहाल पुलिस और फोरेंसिक टीम ने जांच पड़ताल कर स्वजन को जानकारी दी। मामा ने उसके दोस्तों पर हत्या का आरोप लगाया है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होने के चलते बिसरा रखा गया है।
इटावा जनपद के फ्रेंडस कालोनी थाना क्षेत्र के बगिया अड्डा निवासी कौशल किशोर ने बताया कि उनका 37 वर्षीय भांजा नारायण सिंह चकर नगर ब्लाक में संविदा पर खंड प्रेरक के पद पर तैनात था। वह मूलरूप से आगरा जनपद के जैतपुर थाना क्षेत्र के कनपुरा गांव का निवासी था।
ब्लाक में नौकरी लगने के बाद वह परिवार साथ यहां रहने लगा था। परिवार में पत्नी ममता के साथ ही दो बेटियां अनन्या व अनवी हैं। स्वजन के अनुसार चकर नगर गांव के प्रधान जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को नारायण को बुलाया था और वह उसे अपनी कार से बिठाकर ले गए थे। कार में पहले से ही गांव के कुशल पाल, निवरी के प्रधान विपिन कुमार सिंह व श्रेय नाम का युवक भी बैठा था। देर रात सभी घंटाघर के पास गणेश मंदिर रोड स्थित प्रिया होटल पहुंचे।
यहां पर ग्राम प्रधान ने दो कमरे किराए पर लिए। वहां पर रुकने के बाद सभी ने खाना-पीना किया। नारायण ने बीयर पी थी, इसके बाद दोस्तों ने खाने को कहा तो वह सो गए। रात करीब 12 बजे ग्राम प्रधान जितेंद्र ने होटल के रिसेप्शन में पहुंचकर नारायण सिंह की तबीयत खराब होने की सूचना दी। इसके बाद गंभीर अवस्था में नारायण को एलएलआर अस्पताल लाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
हरबंशमोहाल थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होने के चलते बिसरा सुरक्षित रखा गया है। स्वजन की तहरीर पर और बिसरा रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इकलौता बेटा था नारायण, ननिहाल में गुजरा बचपन
इटावा: ब्लॉक कोआर्डिनेटर के पद पर नारायण सिंह की नियुक्ति करीब 10 साल पहले हुई थी। बचपन से लेकर नौकरी मिलने तक का समय सिक्सलेन हाईवे के समीप स्थित अड्डा बगिया बस्ती में नाना राजाराम के घर में गुजरा था। ननिहाल में रहकर ही प्राथमिक, माध्यमिक से लेकर आगे तक की शिक्षा पूरी हुई थी।
मामा कौशल किशोर ने बताया कि भांजा नारायण सिंह शुक्रवार को पहले घर से ननिहाल आया और यहां से ड्यूटी पर जाने की बात कहकर निकला था, पर यह नहीं बताया था कि कानपुर जा रहा है। वह चकरनगर ब्लाक के तीन प्रधानों और एक साथ में काम करने वाले व्यक्ति के साथ कानपुर गया था। इन्हीं चारों आरोपितों द्वारा भांजे की हत्या की गई है। भांजे नारायण सिंह के पिता सागर सिंह का देहांत वर्ष 2017 में हो गया था। वह बहनोई सागर सिंह का इकलौता बेटा था।