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Bihar Land News: जिस जमीन को राज्यपाल ने दान किया, बिहार में वो भी बिक गई; कांग्रेस नेता का नाम आया सामने

Bihar Jamin News महामहिम राज्यपाल के नाम की जमीन को बिना कोई अधिकार रैयती बनाने को लेकर मानसी सीओ ने धराधर जमाबंदी भी कायम कर दी। अधिकांश जमाबंदी कायम 2022-23 में सीओ द्वारा की गई। मानसी सीओ के द्वारा केस नंबर 315-2022 रविंद्र मिस्त्री 525-22 नरेश कुमार 1037-22 किरण देवी 1078-22-23 नंदकुमार के नाम से जमाबंदी कायम कर दी गई।

By Amit Jha Edited By: Rajat Mourya Published: Fri, 17 May 2024 04:21 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2024 04:21 PM (IST)
जिस जमीन को राज्यपाल ने दान किया, बिहार में वो भी बिक गई; कांग्रेस नेता का नाम आया सामने

मुकेश, खगड़िया। खगड़िया से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां महामहिम राज्यपाल के नाम से दान की गई जमीन की बिक्री हो गई और सीओ ने एक दर्जन खरीदारों के नाम से जमाबंदी भी कायम कर दी। मामला मानसी बाजार से सटे चकहुसैनी का है। जमीन बिक्री में कांग्रेस के एक बड़े नेता भी शामिल हैं।

हैरत भरी बात तो यह भी है कि महामहिम राज्यपाल के नाम की जमीन पर बिना किसी रोक-टोक के कई मकान भी बन गए हैं। खुद को कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बताने वाले अनुराग चंदन के द्वारा भी उक्त जमीन (खाता 19, खेसरा 782) की बिक्री आदित्य कुमार व आरती कुमारी के नाम से 2017 में टोकन नंबर 3485 डीड नंबर 3740 के माध्यम से गोगरी रजिस्ट्री कार्यालय में की गई।

हालांकि, खाता 19, खेसरा 782 की जमीन पूर्व से ही महामहिम राज्यपाल के नाम से दान की जा चुकी है। इधर, कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग चंदन ने पहले तो बताया कि दान के बाद कई साल तक जमीन खाली थी। फिर बाद में उन्होंने यह कहा कि उनके पिता ने जमीन दान नहीं दी थी।

क्या है पूरा मामला?

कांग्रेस नेता अनुराग चंदन के बड़े चाचा रामेश्वर प्रसाद सिंह, पिता स्व. गोसाई सिंह के द्वारा चकहुसैनी मौजा की खाता 83, खेसरा 783, खाता 19, खेसरा 782 की 18 कट्ठा जमीन देवकी देवी बालिका उच्च विद्यालय के निर्माण हेतु दस्तावेज संख्या 1290 दिनांक 25-3-1988 को महामहिम राज्यपाल बिहार पटना के नाम से दान दिया गया था।

डीड में अंकित है कि शिक्षा पदाधिकारी ने अत्यंत खुश होकर इसके लिए सहमति प्रदान की। किसी कारणवश उक्त जमीन पर स्कूल का निर्माण अब तक नहीं हो पाया और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी बदलते गए और फाइल दब गई।

क्या है प्रावधान?

जानकार लोगों का कहना है कि जब कोई सरकार के नाम से कोई संपत्ति दान करता है तो उसकी वापसी का कोई प्रावधान रजिस्ट्री एक्ट में निहित नहीं है। ऐसे में महामहिम राज्यपाल के नाम की जमीन की खरीद-बिक्री पूरी तरह से गैरकानूनी है।

मानसी के सीओ ने 2022-23 में कर दी अधिकतर जमाबंदी कायम

महामहिम राज्यपाल के नाम की जमीन को बिना कोई अधिकार रैयती बनाने को लेकर मानसी सीओ ने धराधर जमाबंदी भी कायम कर दी। अधिकांश जमाबंदी कायम 2022-23 में सीओ द्वारा की गई। मानसी सीओ के द्वारा केस नंबर 315-2022 रविंद्र मिस्त्री, 525-22 नरेश कुमार, 1037-22 किरण देवी, 1078-22-23 नंदकुमार के नाम से जमाबंदी कायम कर दी गई।

इसी तरह केस नंबर 1079-22-23 से प्रीति कुमारी, 1113-22-23 से बंदना कुमारी, 10-22-23 से कल्पना कुमारी, रुकमिनी देवी, केस नंबर 248-23-24 के नाम जमाबंदी कायम कर दी गई।

ऐसा प्रावधान नहीं है कि सरकार को दान की गई जमीन की वापसी होगी। किसी ने खरीद-बिक्री किया है तो सरासर गलत है। जब एक बार डीड हो गया तब जिनके नाम दान है अगर वे वापसी करेंगे तब माना जाएगा। - मदन कुमार, सब रजिस्ट्रार, गोगरी, खगड़िया

पूरे मामले को लेकर अमीन से कागजात की मांग की गई है। जांच में मामला सही निकला तो जमाबंदी रद्दकरण को लेकर अपर समाहर्ता को प्रस्ताव भेजा जाएगा। - आमिर हुसैन, सीओ मानसी, खगड़िया

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