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Bihar News: भागलपुर के पद्मश्री डॉ. ने 96 साल की उम्र में बना डाली नशामुक्ति की दवा, केंद्र सरकार ने दिया पेटेंट

आज लोगों में नशे की लत तेजी बढ़ रही है। कई लोग नशा छोड़ना कोशिश करते हैं लेकिन वे असफल हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखकर बिहार के भागलपुर निवासी पद्मश्री डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने 96 साल की उम्र में नशामुक्ति की कारगर दवा तैयार कर ली है। डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने उन्हें दवा का पेटेंट दे दिया।

By Mihir Kumar Edited By: Mohit Tripathi Published: Fri, 19 Apr 2024 04:36 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2024 04:36 PM (IST)
पद्मश्री डॉ. दिलीप कुमार सिंह को मिला नशा मुक्ति पाउडर का पेटेंट। (सांकेतिक फोटो)

मिहिर कुमार, भागलपुर। पद्मश्री डॉ. दिलीप कुमार सिंह द्वारा तैयार नशा मुक्ति पाउडर को दो साल के लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने पेटेंट दे दिया। भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने दवा को प्रमाणित करने के लिए चिकित्सकों की टीम गठित की थी।

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दो साल तक हर 15वें दिन वीसी के माध्यम से डॉ. दिलीप से दवा के बारे में जानकारी ली जाती रही। हर तरह से संतुष्ट हो जाने के बाद 20 साल के लिए इस पाउडर को पेटेंट दे दिया गया।

डॉ. दिलीप का दावा है कि देश में पहली बार नशा मुक्ति की दवा को पेटेंट मिला है। उन्होंने बताया कि पेटेंट का आर्डर 21 मार्च 2024 को ही जारी हो चुका है, पर उन्हें इसका प्रमाणपत्र दो दिन पहले प्राप्त हुआ।

आसान नहीं थी राह

पद्मश्री डॉ. दिलीप 96 साल की उम्र में भी नशा मुक्ति पाउडर का पेटेंट कराने के लिए लगातार प्रयासरत रहे। उन्होंने 16 फरवरी 2022 को पेटेंट कार्यालय को आवेदन दिया है।

डॉ. दिलीप कहते हैं आवेदन के बाद चिकित्सकों की टीम बनी। कोलकाता, मुंबई और दिल्ली के डॉक्टर इसमें रखे गए। ये डॉक्टर एलोपैथ और होमियोपैथ के विशेषज्ञ थे।

दो साल तक प्रत्येक 15वें दिन में वीसी के माध्यम से तरह-तरह के सवाल पूछे गए और हर जवाब का प्रमाण मांगा गया।

पूछा गया कि पाउडर बनाने में किस-किस दवा का उपयोग किया गया है, दवा कितना असरदार है, अब तक कितने लोगों ने दवा का सेवन किया और उसका इंपेक्ट क्या रहा।

नशेड़ियों ने नशा से दूरी बनाई कि नहीं इसका प्रमाण भी मांगा गया। साक्ष्य और पाउडर के असर की जांच के बाद टीम ने इसे आविष्कार माना। प्रमाणपत्र में भी आविष्कार शब्द का प्रयोग किया गया है।

टीम ने 20 से ज्यादा लोगों पर किया प्रयोग

डॉ. दिलीप ने बताया पेटेंट कार्यालय ने इस पाउडर को उपलब्ध कराने के लिए कहा। उन्हें दवा उपलब्ध कराई गई। टीम ने 20 से ज्यादा लोगों पर पाउडर का प्रयोग किया। इसका असर शानदार रहा। जिसने भी पाउडर का सेवन किया उसने शराब, गुटखा, ब्राउन शुगर समेत अन्य नशे से दूरी बना ली।

संस्था के माध्यम से मिलेगी दवा

पेटेंट होने के बाद भी यह पाउडर बाजार में उपलब्ध नहीं है। डॉ. दिलीप ने बताया कि इस पाउडर को हमलोग अपनी संस्था के माध्यम से बेचेंगे। इसके लिए 5100 रुपये शुल्क अदा करना होगा। गरीबों को दवा मुफ्त दी जाएगी।

पीएम मोदी भी जाहिर कर चुके हैं खुशी

डॉ. दिलीप ने बताया कि जब मुझे पद्मश्री दिया जा रहा था तब प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी से मुलाकात हुई थी। नशा मुक्ति पाउडर की जानकारी होने पर प्रधानमंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए बधाई दी थी।

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