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Akshay Tritiya 2024 Date : कल है अक्षय तृतीया, क्या करें-क्या न करें; पढ़ें पंडितों की राय

Akshay Tritiya 2024 Date and Time भारतीय मनीषियों ने व्रत-त्योहारों का आयोजन कर व्यक्ति और समाज को पथभ्रष्ट होने से बचाया है। उन्हीं में से एक है अक्षय तृतीया का त्योहार जो शुक्रवार को है। इस दिन किसान अगली फसल के लिए अपने खेतों का भूमि पूजन परंपरागत तरीके से करेंगे। इसी दिन लोकसभा के चुनावी महासंग्राम के लिए कई प्रत्याशी अपना नामांकन करने की तैयारी में भी जुटे हैं।

By Girdhari Agrwal Edited By: Sanjeev Kumar Published: Wed, 08 May 2024 04:14 PM (IST)Updated: Wed, 08 May 2024 04:14 PM (IST)
अक्षय तृतीया पर पंडितों की राय (जागरण)

गिरधारी अग्रवाल, बक्सर। Akshay Tritiya 2024: भारतीय मनीषियों ने व्रत-त्योहारों का आयोजन कर व्यक्ति और समाज को पथभ्रष्ट होने से बचाया है। उन्हीं में से एक है अक्षय तृतीया का त्योहार जो शुक्रवार को है। इस दिन किसान अगली फसल (खरीफ) के लिए अपने खेतों का भूमि पूजन परंपरागत तरीके से करेंगे। इसी दिन लोकसभा के चुनावी महासंग्राम के लिए कई प्रत्याशी अपना नामांकन करने की तैयारी में भी जुटे हैं।

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पंडितों का कहना है कि भारतीय काल गणना के अनुसार कुल चार अक्षय मुहूर्त बताए गए हैं। इसमें विजयादशमी, अक्षयनवमी, रामनवमी और अक्षय तृतीया शामिल है। अक्षय का शाब्दिक अर्थ है- जिसका कभी नाश यानी क्षय न हो। अक्षय तृतीया पर स्नान-दान, जप-तप, हवनादि कर्मों का शुभ और अनंत फल प्राप्त होता है।

आचार्य अमरेंद्र कुमार शास्त्री ने बताया कि अक्षय तृतीया का महापर्व वैशाख के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो कि शुक्रवार की भोर में 4:37 बजे से प्रारंभ होकर शनिवार की भोर में 4:12 बजे तक है। अतः शुक्रवार का समय दिनभर शुभ है।

इस दिन सोना-चांदी खरीदना और जमीन-जायदाद के सौदे करना भी शुभ होता है। अक्षय तृतीया तिथि में होने वाली परशुराम जयंती भी शुक्रवार को ही शाम प्रदोष समय में मनाई जाएगी।

इधर पुरैनिया के किसान वीरेंद्र तिवारी, बराढ़ी गांव के रामकुमार पांडेय, कोंच-बकसड़ा के बांके बिहारी मिश्र, नावानगर के रविन्द्र दुबे आदि ने बताया कि आगामी फसल के लिए रीति-रिवाज के अनुरूप खेत का वे शुक्रवार के दिन अक्षत, गुड़, दही, अयपन, आम व परास का पत्ता, धान आदि से भूमि पूजन का कार्य करेंगे जिसकी तैयारी जारी है। उन्होंने बताया कि भूमि पूजन करने के बाद घर वापस आने पर प्रसाद के रूप में मीठा का पारण करेंगे।

खरीफ फसल की बुआई के लिए शुभ मुहूर्त

वृष स्थिर लग्न - प्रातः 5:39 से 7:36 तक (उत्तम)

सिंह स्थिर लग्न - दोपहर 12:53 से 2:21 तक

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