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Nutritional Drinks: क्या बच्चों के लिए बाजार में मिलने वाले हेल्दी ड्रिंक्स सच में है हेल्दी

देश की एक दिग्गज एफएमसीजी कंपनी ने अपने चर्चित पेय पदार्थ को स्वास्थ्यवर्धक श्रेणी से हटा दिया है। बाजार में मिलने वाले ऐसे पेय पदार्थ बच्चों के लिए नुकसानदेह होते हैं या नहीं इस बारे में एक्सपर्ट ने कुछ जानकारियां साझा की। आइए जानते हैं बच्चों को ये पेय पदार्थ देने से पहले हमें किस तरह की सावधानी रखनी चाहिए।

By Jagran News Edited By: Swati Sharma Published: Mon, 29 Apr 2024 07:36 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 07:36 PM (IST)
क्या आप भी अपने बच्चों को देते हैं स्वाथ्यवर्धन ड्रिंक्स?

नई दिल्ली। Nutritional Drinks for Kids: हाल ही में पैकेज्ड सामान बेचने वाली कंपनियों पर भ्रामक प्रचार के चलते निगरानी बढ़ाई गई है, जो अपने पेय पदार्थों या पाउडर को स्वास्थ्यवर्धक होने का दावा कर बिक्री करती हैं। निश्चित तौर पर बाजार में धड़ल्ले से बिकने वाले इन पेय पदार्थ व पाउडर को स्वास्थ्यप्रद नहीं कहा जा सकता। दरअसल, बच्चों को पोषणयुक्त खानपान देना कठिन होता है। उन्हें पर्याप्त पोषण नहीं मिलने की स्थिति में चिकित्सक उन्हें स्वास्थ्यवर्धक पेय पदार्थ या पाउडर देने की सलाह देते हैं। हालांकि आमतौर पर चिकित्सक कहें न कहें अभिभावक बच्चों को ये पेय पदार्थ दे रहे हैं। इन विज्ञापनों में बच्चों के विकास के लिए जिस तरह से अनिवार्य रूप से इन पेय पदार्थों के प्रयोग करने की बात कही जाती है वह सही नहीं। समझना होगा कि आखिर ये पेय पदार्थ स्वास्थ्यवर्धक क्यों नहीं हैं। इस बारे में जानने के लिए जागरण की सीमा झा ने डॉ. सुशीला कटारिया (मेदांता, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन की डायरेक्टर) से बातचीत की। आइए जानें उन्होंने इस बारे में क्या जानकारी दी।

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अतिरिक्त चीनी का सेवन

बता दें कि आप हम जो भी खाते या पीते हैं, वह अंतत: ग्लूकोज के रूप में टूटता है और उस ऊर्जा का हमारा शरीर प्रयोग करता है। आप चाहे पालक खाएं या ब्रेड आप ग्लूकोज ले रहे होते हैं। हर खाने में कम या अधिक मात्रा में ग्लूकोज या मीठा होता ही है। यदि आप स्वास्थ्य बेहतर करने के नाम पर बच्चों को बाजार में मिलने वाले पाउडर देते हैं, तो इसका अर्थ है कि आप उन्हें आवश्यकता से अधिक अतिरिक्त मीठा देकर मोटापे की तरफ धकेल रहे होते हैं। दरअसल, उन पेय पदार्थ या पाउडर में अधिकांश मात्रा में शुगर होता है।

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बन जाती है आदत

टॉफी, चॉकलेट, जंकफूड आज बच्चों के खानपान का सामान्य अंग बन गए हैं। ये सब भी मीठा का ही रूप हैं। बच्चे खानपान की ऐसी आदत के कारण आगे चलकर कम उम्र में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। रोचक बात यह है कि उन्हें बाजार में मिलने वाले पेय पदार्थ या प्रसंस्कृत पदार्थ के रूप में मीठा खाने की आदत ऐसी हो जाती है कि वे कम मीठा खाना पसंद नहीं करते। अपने लिए स्वास्थ्यवर्धक आदत का निर्माण करना उन्हें एक बड़ी चुनौती लगने लगता है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • पेय पदार्थ में मौजूद शुगर के सेवन के अलावा, बच्चे दिन भर में तकबरीन पचास साठ ग्राम शुगर ले रहे होते हैं।
  • बाजार में मिलने वाले पेय पदार्थ के पैकेट पर चेतावनी देनी चाहिए कि यह बच्चों में मोटापा बढ़ा सकता है।
  • वजन बढ़ाने के साथ बाजार में मिलने वाले पेय बच्चों के दांत खराब कर सकते हैं।
  • स्वास्थ्यवर्धक पेय पदार्थ में सबसे स्वस्थ किसी को कहा जा सकता है तो वह पानी ही है। बच्चों को इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
  • छाछ, नींबू पानी, नारियल पानी भी स्वस्थ पेय है, इसके लिए बच्चों को प्रेरित करना चाहिए।
  • विज्ञापन कंपनियों को सिगरेट की पैकेट की तरह यह चेतावनी के रूप में लिखना चाहिए कि यह बच्चों मे मोटापा बढ़ा सकता है।

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Picture Courtesy: Freepik


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