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Lok sabha Election 2024: दो चरण के मतदान में कुल 2823 उम्मीदवार, इनमें सिर्फ 8 फीसदी महिला प्रत्याशी मैदान में

Lok sabha Election 2024 देश की आधी आबादी महिलाओं की है। लेकिन चुनाव में उनकी भागीदारी चिंताजनक है। दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 के पहले दो चरण के चुनावी मैदान में सिर्फ 8 फीसदी महिला ही उम्मीदवार के तौर पर खड़ी हुई हैं। दोनों चरणों के कुल 2823 प्रत्याशियों में से महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 235 रही है। पढ़िए पूरी डिटेल।

By Jagran News Edited By: Deepak Vyas Published: Sun, 28 Apr 2024 07:53 PM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2024 07:53 PM (IST)
Lok sabha Election 2024: दो चरण के चुनावी मैदान में महिला उम्मीदवारों की भागीदारी 8 फीसदी ही है।

एजेंसी, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दो चरण का मतदान हो चुका है। बाकी चरणों के मतदान के लिए विभिन्न पार्टियां रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं। इसी बीच राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने को लेकर दलों द्वारा किए जा रहे तमाम दावे खोखले नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में इसका उदाहरण देखने को मिला। दोनों चरणों में 2,823 उम्मीदवारों में से केवल 235 यानी आठ प्रतिशत महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। राजनीतिक विश्लेषक इसपर गहरी चिंता जता रहे हैं। महिलाओं को सबसे ज्यादा टिकट भारतीय जनता पार्टी ने दिए हैं। जानिए किस पार्टी से कितनी महिला उम्मीदवार इस चुनाव में हैं।

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  • 135 महिला उम्मीदवार थीं चुनाव के पहले चरण में
  • 100 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा दूसरे चरण में
  • 1625 थी पहले चरण के चुनाव में कुल उम्मीदवारों की संख्या
  • 1198 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा दूसरे चरण में

तमिलनाडु, केरल की हिस्सेदारी अधिक

पहले चरण में 135 महिला उम्मीदवारों में से, तमिलनाडु की हिस्सेदारी सबसे अधिक 76 थी। हालांकि यह आंकड़ा राज्य के कुल उम्मीदवारों का सिर्फ आठ प्रतिशत था। दूसरे चरण में केरल में महिला उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक 24 थी।

भाजपा ने उतारे ज्यादा महिला उम्मीदवार

दोनों चरणों में भाजपा की तरफ से महिला उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व ज्यादा देखने को मिला। भाजपा ने जहां 69 महिलाओं को मैदान में उतारा वहीं कांग्रेस ने दोनों चरणों में 44 महिलाओं को मौके दिए।

ठोस कदम उठाने की जरूरत

राजनीति में इस लैंगिक असंतुलन पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दलों को महिला आरक्षण अधिनियम के लागू होने का इंतजार न कर सक्रिय रूप से महिलाओं को मैदान में उतारना चाहिए।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

दिल्ली विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशीला रामास्वामी ने कहा कि राजनीतिक दलों को महिलाओं की उम्मीदवारी को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इफ्तिखार अहमद अंसारी ने कहा कि भारत के मतदाताओं में लगभग आधी महिलाएं हैं, लेकिन राजनीति में उनका कम प्रतिनिधित्व कई सवाल खड़े करता है।


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