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NSE-BSE M Cap: वर्ष 2030 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के पार होगा एनएसई और बीएसई का एम-कैप, एक्सपर्ट्स ने कहा...

शेयर बाजार में तेजी का दौर जारी है। चुनावी माहौल के बीच सेंसेक्स और निफ्टी ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया। वहीं दोनों सूचकांक का एम-कैप भी 5 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है। बाजार में आई तेजी के बाद कई एक्सपर्ट का मानना है कि वर्ष 2030 तक एनएसई और बीएसई का एम-कैप 10 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच जाएगा। पढ़ें पूरी खबर...

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Published: Fri, 24 May 2024 02:17 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 02:17 PM (IST)
NSE-BSE M Cap: वर्ष 2030 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी के पार होगा एनएसई और बीएसई का एम-कैप

एएनआई, नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। चुनावी माहौल के बीच में शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली है। आज सुबह बाजार ने नई ऊंचाइयों को हासिल किया है। बाजार में आई इस तेजी के बाद कई एक्सपर्ट का मानना है कि वर्ष 2030 तक एनएसई और बीएसई का एम-कैप 10 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच जाएगा।

बीते 6 महीने में बीएसई के लिस्टिड कंपनियों का एम-कैप 1 ट्रिलियन डॉलर चढ़ गया है। लोकसभा के नतीजे से पहले एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) को चुनौती देते हुए 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर के विशेष क्लब में शामिल हो गए हैं। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजों का एलान 4 जून 2024 को होगा।

पिछले साल नवंबर 2023 में बीएसई और एनएसई का एम-कैप 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंचा था। इस हफ्ते इन दोनों सूचकांक का एम-कैप 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। इस मुकाम को हासिल करने में छह महीने से भी कम समय लगा। भारतीय बाजार के इतिहास में संपत्ति सृजन की ऐसी गति पहले कभी नहीं देखी गई।

बाजार में आई तेजी ने घरेलू संस्थागत, खुदरा और एचएनआई (उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति) निवेशकों द्वारा बढ़ावा दिया है। इस महीने बाजार विदेशी निवेशकों ने कम से कम 28,000 करोड़ रुपये निकाले हैं।

बाजार में आई तेजी के बाद बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले 10 से 20 वर्षों के अनुरूप बाजार रिटर्न और 2027 तक भारत के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद के साथ, बीएसई और एनएसई का मार्केट कैप 2030 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा कहते हैं कि

एफडीआई और एफपीआई प्रवाह में भारी वृद्धि के बीच एनएसई और बीएसई दोनों सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 2030 तक या उससे पहले 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने की अच्छी संभावना है। 2024 के अंत तक, भारतीय बाजारों के 5.5 से 5.75 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आसपास होने की अच्छी संभावना है। जैसे-जैसे वित्तीय और आईटी जैसे प्रमुख भारतीय क्षेत्र जोर पकड़ेंगे, भारतीय बाजार पूंजीकरण तेजी से बढ़ेगा।

अगर हम सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण की यात्रा को देखें, तो 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने में 10 साल लग गए, लेकिन 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने में 6 महीने से भी कम समय लगा।

भारतीय शेयर बाज़ार पूंजीकरण का इतिहास:

  • मई 2007 में सूचकांक का एम-कैप 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंचा था।
  • 10 साल के बाद जुलाई 2017 में बीएसई और एनएसई का एम-कैप 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था।
  • मई 2021 यानी 4 साल के बाद बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 3 ट्रिलियन डॉलर हो गया था।
  • नवंबर 2023 (2.5 वर्ष) के बाद 4 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया था।
  • मई 2024 यानी केवल 6 महीने के बाद बाजार का एम-कैप 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंचा गया।

5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर मार्केट कैप के साथ, भारतीय शेयर बाजार अब दुनिया में मार्केट कैप के मामले में पांचवें स्थान पर है। एफआईआई की निकासी के बावजूद 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक की छलांग ने खुदरा निवेशकों को नया आत्मविश्वास दिया है।

कोटक म्यूचुअल फंड के सीआईओ हर्षा उपाध्याय ने कहा कि

भारत का कुल बाजार पूंजीकरण 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार करना मुख्य रूप से मजबूत आर्थिक विकास और मजबूत कॉर्पोरेट प्रदर्शन की प्रवृत्ति से प्रेरित है। कुल बाजार पूंजीकरण के मामले में भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा है, यह भारतीय सूचीबद्ध इक्विटी स्पेस की चौड़ाई और गहराई का प्रतीक है ।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हम दुनिया के प्रमुख बाजारों से तुलना करें तो भारतीय बाजार को अभी भी लंबा सफर तय करना है। लगभग 55.65 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के मार्केट कैप के साथ अमेरिका सबसे आगे है, इसके बाद 9.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के मार्केट कैप के साथ चीन दूसरे स्थान पर है। जापान और हांगकांग का बाजार पूंजीकरण लगभग 6.42 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और 5.47 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है।

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 तक निफ्टी इंडेक्स 24,500-25000 के स्तर तक पहुंच सकता है, जबकि सेंसेक्स 80,000-81000 के स्तर को छू सकता है।

एक अन्य बाजार विशेषज्ञ राजेश पालवीय का कहना है कि इक्विटी में धन का प्रवाह उत्साहजनक है और भारतीय बाजार साल के अंत तक नई ऊंचाई देख सकते हैं।

एक्सिस सिक्योरिटीज के एसवीपी रिसर्च (हेड टेक्निकल एंड डेरिवेटिव) राजेश पालविया ने कहा

शेयर बाजार में तेजी दिख रही है, और हमारा मानना ​​है कि यह रैली आगे भी बढ़ सकती है। वर्ष 2024 में निफ्टी 24000 तक पहुंचने की संभावना है। अधिकांश प्रमुख सेक्टर में खरीदारी रुचि है, और मैक्रो डेटा में सुधार हो रहा है। कॉर्पोरेट आय ऊपर की ओर बढ़ रही है, और कर संग्रह में अच्छी वृद्धि देखी जा रही है। इक्विटी बाजार में धन का प्रवाह काफी उत्साहजनक है। हमें उम्मीद है कि सेंसेक्स अपनी बढ़त बनाए रखेगा और हम 2024 के अंत तक सेंसेक्स को 78000-79000 तक पहुंचते हुए देख सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र में स्थिर सरकार की उम्मीद, सुधारों पर जोर, नई लिस्टिंग और बढ़ते खुदरा निवेशकों के साथ भारतीय बाजार नई ऊंचाई देखेंगे।

 


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