इंसेफ्लाइटिस से पांच और मरीजों की मौत
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में बुधवार को भी इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित पांच और मरीजों की मौत हो गई। इनमें रेड बैंक चाय बागान की एक महिला भी शामिल है। यहां इस बीमारी से लगातार हो रही मौंते इस बात का प्रमाण हैं कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के बीमारी को नियंत्रित कर लिए जाने के दावे पूरी तरह खोखले हैं। अब तक एनबीएमसीएच में ही इंसेफ्लाइटिस पीड़ित 93 मरीजों की मौत हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अभी इंसेफ्लाइटिस के 34 मरीज और भर्ती हैं जिनमें कई की हालत चिंताजनक है। जिन पांच मरीजों की मौत हुई है, उनमें एक महिला वीणा प्रधान (40) रेड बैंक चाय बगान की रहने वाली बताई गई है। इस तरह पिछले कुछ दिनों की तुलना में इंसेफ्लाइटिस से मरने वालों की संख्या का बुधवार को अचानक बढ़ जाना चिंता का विषय है। हालांकि राज्य के स्वास्थ्य निदेशक विश्व रंजन सतपथी ने पिछले 24 घंटे में एनबीएमसीएच में इंसेफ्लाइटिस से चार मरीजों के मरने की ही पुष्टि की है।
उधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज्य के पूर्व सिंचाई मंत्री डॉ मानस भुईंयां ने पांच कांग्रेसी विधायकों के साथ एनबीएमसीएच का दौरा कर मरीजों का हालचाल पूछा। वहीं पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने भी एनबीएमसीएच का दौर कर मरीजों का हाल-चाल लिया। अस्पताल से बाहर आने के बाद काग्रेसी नेता भुईया ने कहा कि उत्तर बंगाल में इंसेफ्लाइटिस के प्रकोप से निपटने के लिए सरकार ने समय से ठोस कदम नहीं उठाया जिसके चलते तमाम लोगों की मौत हुई। जबकि राज्य सरकार को अन्य मेडिकल कॉलेजों से अतिरिक्त डॉक्टरों व नर्सिंग स्टॉफ को यहां भेजना चाहिए था। भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने इंसेफ्लाइटिस को महामारी करार दिया। उन्होंने कहा कि इंसेफ्लाइटिस से मरने वालों के प्रत्येक परिवार को दस-दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता देनी चाहिए, तथा जो पीड़ित हैं, उनका मुफ्त में इलाज व दो लाख रुपये आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।