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इंसेफ्लाइटिस के मामले में लापरवाही शुरू

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 11:14 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 11:14 PM (IST)
इंसेफ्लाइटिस के मामले में लापरवाही शुरू

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल फैले में इंसेफ्लाइटिस के मामले में दो चार दिन की सक्रियता के बाद अब व्यवस्था की लापरवाही सामने आने लगी है। शहर वासियों की सुविधा के लिए सोमवार को यहां नगर निगम की ओर से शुरू की गई हेल्प लाइन मंगलवार को पहले दिन ही फेल हो गई। दिए गए नंबरों पर फोन उठाने वाला कोई नहीं था। तमाम आदेश निर्देश के बाद भी सभी फीवर क्लीनिक बंद रहे। उधर इसी अव्यवस्था के माहौल में एनबीएमसीएच में दो और मरीजों की मौत हो गई।

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उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के विभिन्न वार्डो में गंदगी, जल-जमाव समेत जन स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न समस्याओं की शिकायत और सुझाव के लिए नगर निगम द्वारा हेल्पलाइन नंबर 0353-2535747 व 0353-2433277 चालू किया गया था, लेकिन मंगलवार को जब इस नंबर परे लोगों ने फोन किया तो किसी ने फोन नहीं उठाया।

उधर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी फीवर क्लीनिक खुले रखने के आदेश के बावजूद मंगलवार को सभी क्लीनिक बंद पाए गए। यहां तक कि एनबीएमसीएच का फीवर क्लीनिक भी बंद था। इस वजह काफी संख्या में मरीज वापस चले गए। अस्पताल में किसी तरह का नोटिस भी नहीं लगा था कि छुट्टी के दिन आने वाले मरीज अपनी जांच के लिए कहां जाएं। शहर व आसपास की जगहों से आने वाले मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि मेडिकल अस्पताल के ओपीडी ब्लॉक में आने पर देखा गया कि ब्लॉक में ताला लगा है। रोगी सहायता केंद्र भी बंद है। कोई जानकारी नहीं मिलने से उन्हें परेशान होकर मजबूरन वापस जाना पड़ रहा है।

उधर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंगलवार को भी दो और मरीजों की मौत हो गई है। इस तरह यहां इंसेफ्लाइटिस से मरने वालों की संख्या 85 हो गई है।

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निजी नर्सिग होम में भी एक मरा

इंसेफ्लाइटिस से रोगियों के मरने का मामला अब निजी नर्सिग होम में भी सामने आने लगा है। मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को सिलीगुड़ी के एक निजी नर्सिग होम में इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम पीड़ित एक मरीज की मौत हो गई है।

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दौरे का ड्रामा जारी

इंसेफ्लाइटिस से रोगियों की मौत के मामले जहां लगातार सामने आ रहे हैं वहीं सरकारी स्तर पर व्यवस्था के बजाए दौरे का ड्रामा जारी है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायोरोलॉली, पुणे की टीम यहां दौरा कर चुकी है। अब इस मामले की जांच की लिए मदुरै के श्रीचित्र थिरूनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की भी एक टीम आई हुई है, जो जलपाईगुड़ी जिले में इंसेफ्लाइटिस प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर है।

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मौत के आंकड़े छुपाने की कोशिश का आरोप

सिलीगुड़ी : वाममोर्चा की ओर से पूर्व मंत्री अशोक नारायण भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि इंसेफ्लाइटिस से होने वाली मौत के आंकड़े छुपाने की कोशिश की जा रही है। सरकार और मंत्री जितना भी दावा करें इंसेफ्लाइटिस से मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है। इससे लड़ने के लिए जिस प्रकार के विशेषज्ञ चिकित्सक चाहिए वह नहीं है। मेडिकल कॉलेज में अभी भी उपयुक्त मात्रा में वेन्टिलेटर नहीं हैं। यहां कम से कम 20 वेन्टिलेटर की व्यवस्था स्थायी रूप से की जाए। वामो की मांग है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि यहां किसी चिकित्सक का स्थानान्तरण तबतक नहीं हो, जबतक उनके स्थान पर कोई नियुक्ति न हो जाए। मेडिकल में शून्य पदों को भरा जाए। सिर्फ सुअर पकड़ने से इस बीमारी से निजात नहीं मिलने वाली। इसके लिए स्थायी समाधान तलाशे जाएं।

वर्जन--

फीवर क्लीनिक अगर बंद था, तो वहां पर नोटिस क्यों नहीं लगाया गया, इस बात की जांच की जाएगी। मालदा मेडिकल कॉलेज में जापानी इंसेफ्लाइटिस की जांच के लिए केंद्र सरकार से अप्रूवल मिल गया है। जांच के लिए किट मंगाई जा रही है। जलपाईगुड़ी व कूचबिहार के जिला अस्पताल में भी जापानी इंसेफ्लाइटिस की जांच हो सके, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

-प्रो.सुशांत बनर्जी, चिकित्सा शिक्षा निदेशक


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