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पा‌र्श्वनाथ बिल्डर पर प्राधिकरण लगाएगा जुर्माना

By Edited By: Published: Mon, 12 May 2014 07:37 PM (IST)Updated: Mon, 12 May 2014 07:37 PM (IST)
पा‌र्श्वनाथ बिल्डर पर प्राधिकरण लगाएगा जुर्माना

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :

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खरीदारों को निर्धारित समय में फ्लैटों पर कब्जा न देना पा‌र्श्वनाथ डेवलपर्स को भारी पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने दो निवेशकों की याचिका पर पा‌र्श्वनाथ डेवलपर्स को खरीदारों की जमा धनराशि ब्याज समेत लौटाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी डेवलपर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सोमवार को अधिकारियों ने बिल्डर की फाइलें खंगालीं। अब तक बिल्डर ने कंप्लीशन के लिए फाइल भी प्राधिकरण में जमा नहीं की है। कंप्लीशन लेने की निर्धारित अवधि बीत चुकी है। प्राधिकरण अब बिल्डर पर जुर्माना लगाएगा।

पाश्‌र्र्वनाथ बिल्डर को प्राधिकरण ने 2006 में पाई सेक्टर के भूखंड नंबर 11 पर 25 एकड़ जमीन ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के लिए आवंटित की थी। इस पर 1.75 के फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) के हिसाब से करीब 16 फ्लैट बनने हैं। बिल्डर ने प्राधिकरण में प्रथम चरण में 952 फ्लैटों का नक्शा पास कराया। प्राधिकरण से 2007 में रजिस्ट्री भी करा ली गई। बिल्डर को 2011 तक फ्लैटों का निर्माण कार्य पूरा कर कंप्लीशन लेना था। इस अवधि को बीते हुए तीन वर्ष से ऊपर हो गए हैं। अभी तक न कंप्लीशन के लिए प्राधिकरण में फाइल जमा कराई गई है और न ही मौके पर निर्माण कार्य पूरा किया गया है। मौके पर सिर्फ फ्लैटों का ढांचा खड़ा हुआ है। निर्माण कार्य पिछले लंबे समय से बंद है। प्राधिकरण को बिल्डर से 2012 तक चार फीसद, 2013 तक छह फीसद की दर से जुर्माना वसूलना है। दिसंबर 2014 तक आठ फीसद की दर से जुर्माना वसूला जाएगा। इसके बाद प्राधिकरण भूखंड आवंटन रद करने की कार्रवाई भी कर सकता है।

फ्लैटों का निर्माण होने में लगेगा अभी समय : भूखंड पर 14 मंजिला फ्लैट बनने हैं। हालांकि, इनका ढांचा खड़ा हो गया है। लेकिन फिनिशिंग कार्य में अभी समय लगेगा। बिल्डर खरीदारों को फ्लैटों पर तत्काल कब्जा भी देना चाहे तो उसे कम से कम सात-आठ माह का समय निर्माण कार्य पूरा करने में लग सकता है।

समय पर कंप्लीशन न लेने पर प्राधिकरण बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई करेगा। शीघ्र ही उसे नोटिस दिया जाएगा। निर्धारित अवधि में कंप्लीशन न लेने पर प्राधिकरण जुर्माने के साथ भूखंड आवंटन भी रद कर सकता है।

-हरीश कुमार वर्मा, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण


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