गंगोत्री व यमुनोत्री आने वाले यात्रियों की लोक परंपरा से होगी अगवानी
गंगोत्री व यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों का स्वागत लोक परंपरा के अनुसार होगा। लोक वाद्य ढोल-दमाऊ की सुर-लहरियों और मंगल गायन के बीच यात्रियों को फूल मालाएं पहनाई जायेंगी।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: इस बार कपाट खुलने के अवसर पर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम जाने वाले यात्रियों का स्वागत लोक परंपरा के अनुसार गाजे-बाजों के साथ होगा। इस दौरान लोक वाद्य ढोल-दमाऊ की सुर-लहरियों और मंगल गायन (मांगल गीत) के बीच यात्रियों का मंगल टीका कर उन्हें फूल मालाएं पहनाई जायेंगी। गंगोत्री जाने वाले यात्रियों का स्वागत उत्तरकाशी मुख्य बाजार और यमुनोत्री जाने वालों का स्वागत बड़कोट में किया जाएगा। यह तैयारी जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव की पहल पर की जा रही है।
शुक्रवार को जिला सभागार में जिलाधिकारी डॉ. श्रीवास्तव ने पत्रकारों को जानकारी दी कि 28 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाटोद्घाटन पर उत्तरकाशी व बड़कोट में यात्रियों के स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं। स्वागत पूरी तरह से स्थानीय परंपरा के अनुसार होगा, जिसमें लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि जियो ग्रिडवॉल पर उत्तरकाशी की संस्कृति से जुड़ी तस्वीरें उकेरी जाएंगी। इसके लिए वहां बने शौचालय व कूड़ेदान को अन्यत्र शिफ्ट करने के निर्देश नगर पालिका के ईओ को दे दिए गए हैं। साथ ही जियो ग्रिडवॉल के बाहर फूलों की क्यारी भी बनाई जा रही है। इससे उत्तरकाशी शहर का दृश्य और मनमोहक लगेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस बार प्रशासन का लक्ष्य अधिक से अधिक यात्रियों को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम आने के लिए प्रेरित करना है। खासकर एडवेंचर टूरिज्म से जुड़े पर्यटकों की संख्या 25 फीसद बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। एडवेंचर टूरिज्म के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के तहत क्विक रिस्पांस कोड बनाया जा रहा है। इससे मोबाइल एप के जरिये पर्यटकों की वस्तुस्थिति की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
नीति आयोग ने भी जिले में पर्यटकों के लिए लांच किये गये सिंसगल विंडो सिस्टम 'पथिक' को सराहनीय पहल बताया है। बताया कि पर्यटकों की जानकारी बढ़ाने के लिए एक निश्शुल्क कापी टेबल बुक भी तैयार की गई है। इसमें जिले के ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों पर विस्तृत लेख एवं फोटोग्राफ होंगे।
यमुनोत्री मार्ग पर पांच टीम होंगी तैनात
यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर इस बार प्राथमिक चिकित्सा दल प्रत्येक किमी पर तैनात रहेगा। यानी जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री तक पांच टीम तैनात रहेंगी। हर टीम के पास ऑक्सीजन सिलेंडर सहित, हृदयगति रुकने में काम करने वाली दवाइयां उपलब्ध होंगी। जानकीचट्टी राम मंदिर के पास 50 वर्ष से अधिक आयु वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया जाएगा। जिन यात्रियों के साथ कोई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होगी, उन्हें यात्रा न करने का सुझाव दिया जाएगा।
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