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उत्‍तराखंड के इस गांव के लोग सीख रखे हैं अंग्रेजी, जानिए क्‍यों

इन दिनों उत्तरकाशी जिले के अगोड़ा गांव में ग्रामीण अंग्रेजी सीखने में लगे हुए हैं। भला क्‍यों नहीं, यहां हर माह 40 से 50 विदेशी पर्यटक आते हैं। इससे गाइड के रूप में रोजगार मिलता है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 01:26 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 06:16 PM (IST)
उत्‍तराखंड के इस गांव के लोग सीख रखे हैं अंग्रेजी, जानिए क्‍यों
उत्‍तराखंड के इस गांव के लोग सीख रखे हैं अंग्रेजी, जानिए क्‍यों

उत्तरकाशी, [शैलेंद्र गोदियाल]: उत्तरकाशी जिले के अगोड़ा गांव में फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहीं 28 साल की माया देवी को देख कोई भी हैरत में पड़ सकता है। माया 12वीं पास हैं और गांव में ही रहती हैं। माया ऐसी अकेली शख्स नहीं, गांव में 50 लोग इन दिनों अंग्रेजी भाषा का ज्ञान ले रहे हैं। मकसद है पर्यटकों से सीधा संवाद। प्रसिद्ध डोडीताल का बेसकैंप होने के कारण यहां हर माह 40 से 50 विदेशी पर्यटक आते हैं। इस दौरान ग्रामीणों को उनसे बातचीत के लिए गाइड की मदद लेनी पड़ती है। अब शायद उन्हें गाइड की जरूरत न पड़े।

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समुद्रतल से 3024 मीटर की ऊंचाई पर स्थित डोडीताल की उत्तरकाशी से दूरी 40 किलोमीटर है। इसमें से 22 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। यह खूबसूरत पर्यटक स्थल चारों ओर से पहाड़ व घने जंगल से घिरा हुआ है। डोडीताल के बेसकैंप अगोड़ा गांव तक पहुंचने के लिए भी छह किलोमीटर पैदल ही नापने पड़ते हैं। 

अगोड़ा से डोडीताल की दूरी 14 किलोमीटर है। इसलिए यहां पहुंचने वाला हर पर्यटक अगोड़ा गांव को अपने पड़ाव में शामिल करता है। नतीजा, अगोड़ा में देशी-विदेशी पर्यटकों की खासी चहलकदमी रहती है। बावजूद इसके 120 परिवार वाले अगोड़ा गांव के ग्रामीण पर्यटन को अपने व्यवसाय नहीं बना पाए। 

इसी को देखते हुए अब उत्तराखंड ग्रामीण पर्यटन विकास योजना के तहत एक जून से ग्रामीणों को पर्यटन व्यवसाय चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। सुबह-शाम दो-दो घंटे की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। ग्रामीणों को अंग्रेजी का प्रशिक्षण दे रहे समर फाउंडेशन ट्रस्ट के जिला समन्वयक संजय पंवार भी अगोड़ा के ही रहने वाले हैं। वह कहते हैं, सभी लोग मनोयोग से  अंग्रेजी सीख रहे हैं। ग्रामीण जानते हैं कि इससे वे अपनी आर्थिकी बेहतर तरीके से संवार सकेंगे। पंवार कहते हैं कि 'इस कोशिश ने ग्रामीणों दशा एवं दिशा, दोनों बदल दी। अब वे अच्छे गाइड साबित होंगे।'

अंग्रेजी सीख रहे हाईस्कूल पास 31 वर्षीय राजवीर ने बताया कि वह पर्यटकों को ट्रैकिंग पर ले जाता है। अब तक अंग्रेजी न बोल पाने के कारण विदेशी पर्यटकों से इशारे में ही बातचीत होती थी, लेकिन अंग्रेजी सीखने के बाद यह समस्या दूर हो गई। बीए पास पवित्रा कहती है कि इंटर व बीए में वह अंग्रेजी नहीं पढ़ पाई, लेकिन प्रशिक्षण ने उसकी मुराद पूरी कर दी। 

वहीं, उत्तरकाशी के जिला पर्यटन अधिकारी केएस नेगी का कहना है कि उत्तरकाशी जिले में उत्तराखंड ग्रामीण पर्यटन विकास योजना के तहत दो गांवों का चयन किया गया है। अगोड़ा के अलावा मोरी ब्लॉक के मोताड़ में भी कैंप लगाया जाएगा। भविष्य में इस योजना के तहत अन्य गांवों को भी लिया जाएगा। फिलहाल यह कैंप एक माह का है, जरूरत पड़ने पर अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है।

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