पंचकोसी वारुणी यात्रा वरुणा नदी में स्नान के साथ शुरू
उत्तरकाशी में पंचकोसी वारुणी यात्रा वरुणा नदी में स्नान के साथ शुरू हुई। इस यात्रा में सुबह से ही भीड़ उमड़ रही है।
By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 02:52 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 04:30 AM (IST)
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: पंचकोसी वारुणी यात्रा वरुणा नदी में स्नान के साथ शुरू हुई। इस यात्रा में सुबह से ही भीड़ उमड़ रही है। यह यात्रा वरुणावत पर्वत के ऊपर से गुजरती है तथा असी गंगा और भागीरथी के संगम पर पूजा-अर्चना के साथ संपन्न होती है।
पंचकोसी वारुणी नाम से हर वर्ष होने वाली इस यात्रा का बड़ा धार्मिक महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस यात्रा को पूर्ण करने वाले व्यक्ति को 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा-अर्चना का पुण्य लाभ मिलता है।
रविवार को ब्रह्ममुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के जत्थे वारुणी यात्रा पर निकलने शुरू हुए। करीब 15 किमी लंबी इस पदयात्रा के पथ पर बड़ेथी संगम स्थित वरुणेश्वर, बसूंगा में अखंडेश्वर, साल्ड में जगरनाथ और अष्टभुजा दुर्गा, ज्ञाणजा में ज्ञानेश्वर और व्यास कुंड, वरुणावत शीर्ष पर शिखरेश्वर तथा विमलेश्वर महादेव, संग्राली में कंडार देवता, पाटा में नर्वदेश्वर मंदिर में जलाभिषेक। पूजा-अर्चना का सिलसिला सुबह से ही चलता रहा।
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