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Chardham Yatra 2024: गंगोत्री-यमुनोत्री के पड़ाव पर पार्किंग का विकल्प ‘सड़क’, हर साल करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहीं बन पाई योजना

Chardham Yatra 2024 चारधाम यात्रा के नाम पर हर साल करोड़ों की धनराशि खर्च की जा रही है लेकिन अभी तक कोई दीर्घकालिक योजना नहीं बनाई जा सकी। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा का प्रमुख पड़ाव धरासू बैंड हैं। धरासू बैंड के पास पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। उत्तरकाशी के जियोग्रिडवाल के पास दोमंजिला बस अड्डा और पार्किंग का निर्माण अभी पूरा नहीं हो पाया है।

By Shailendra prasad Edited By: Nirmala Bohra Published: Fri, 03 May 2024 09:49 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2024 09:49 AM (IST)
Chardham Yatra 2024: ज्यादातर सड़क के किनारे और कुछ स्थानों पर अस्थायी व्यवस्था के तहत होती है वाहनों की पार्किंग

शैलेंद्र गोदियाल, जागरण उत्तरकाशी: Chardham Yatra 2024: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के पड़ावों पर पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में अधिकांश वाहनों की पार्किंग सड़क किनारे ही की जाती है। कुछ स्थानों पर अस्थायी व्यवस्था के तहत पार्किंग का संचालन होता है।

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जबकि, चारधाम यात्रा के नाम पर हर साल करोड़ों की धनराशि खर्च की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई दीर्घकालिक योजना नहीं बनाई जा सकी। जो पार्किंग बनी हैं और जो बन रही हैं, उनकी क्षमता बेदह कम है। लिहाजा, इस बार भी तीर्थ यात्रियों को पार्किंग की समस्या के चलने जाम से जूझना पड़ेगा।

गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ावों पर पार्किंग की स्थिति

धरासू: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा का प्रमुख पड़ाव धरासू बैंड हैं। धरासू बैंड के पास पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। यहां तीर्थ यात्रियों के वाहन कुछ देर के लिए रुकते हैं और उनकी पार्किंग हाईवे के किनारे ही होती है। गंगोत्री हाईवे पर बंदरकोट के पास पार्किंग तैयार हो गई है, जिसकी क्षमता 20 छोटे वाहनों की है।

उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय उत्तरकाशी के जियोग्रिडवाल के पास दोमंजिला बस अड्डा और पार्किंग का निर्माण अभी पूरा नहीं हो पाया है। जियोग्रिडवाल के पास 5.32 करोड़ की धनराशि से बनी पार्किंग में 39 बड़े व 43 छोटे वाहन पार्क होंगे। यह कार्य जिला विकास प्राधिकरण की निगरानी में हो रहा है। इस पार्किंग के प्रथम तल के लिए अभी एप्रोच मार्ग का कार्य चल रहा है।

ऐसे में पार्किंग के लिए उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में रामलीला मैदान ही एकमात्र विकल्प है। इसके अलावा जोशियाड़ा में यूजेवीएनएल की भूमि पर भी अस्थायी पार्किंग की जाती है। जबकि, जोशियाड़ा के लिए 4.84 करोड़ की धनराशि से जोशियाड़ा तहसील के निकट भागीरथी के किनारे पार्किंग स्वीकृत हुई थी। इस पार्किंग की वाहन क्षमता 200 रखी गई थी, लेकिन भूमि विवाद के कारण कार्य लटका हुआ है।

नेताला, हीना व गंगनानी: गंगोत्री हाईवे पर नेताला, हीना व गंगनानी चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव हैं। हीना में 2.50 करोड़ की लागत से पार्किंग का निर्माण चल रहा है। 190 वाहनों की क्षमता वाली इस पार्किंग पर केवल 50 प्रतिशत ही काम हुआ है। नेताला में वाहनों की पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है।

यहां सबसे अधिक होटल हैं। वाहनों की पार्किंग हाईवे पर ही होती है। ऐसे में जाम और दुर्घटना का खतरा बना रहता है। गंगनानी के पास गर्मपानी के कुंड हैं, लेकिन पार्किंग की सुविधा यहां नहीं है। ऐसे में अधिकांश तीर्थ यात्रियों को गंगनानी में स्नान करने का अवसर प्राप्त नहीं हो पाता।

बड़कोट: नगर पालिका बड़कोट क्षेत्र में करीब पांच करोड़ की लागत से चार वर्ष में पार्किंग का निर्माण हो पाया। इस पार्किंग में 21 कार भूतल और 24 कार प्रथम तल पर पार्क होंगी। इसके अलावा बड़कोट के निकट दोबाटा में पंजीकरण जांच केंद्र के पास वाहनों की पार्किंग हाईवे के बायीं ओर होती है। बड़कोट बाजार में अधिकांश वाहनों की पार्किंग भी सड़क किनारे ही होती है, जिससे यहां जाम की बड़ी समस्या है।

खरादी और गंगनानी: यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर खरादी और गंगनानी भी प्रमुख पार्किंग स्थल है। इन स्थानों पर भी पार्किंग की सुविधा नहीं है। इस क्षेत्र में आलवेदर रोड बन चुकी है। ऐसे में वाहनों की पार्किंग हाईवे पर ही होती है।

स्याना चट्टी से जानकी चट्टी तक: यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर स्याना चट्टी, राना चट्टी, हनुमान चट्टी व फूल चट्टी के पास पार्किंग की कोई सुविधा नहीं है। इस क्षेत्र में सड़क भी बेहद संकरी है। इसी बीच जाम की भी बड़ी समस्या है। जानकी चट्टी के पास 4.68 करोड़ की लागत से पार्किंग एक वर्ष पहले ही तैयार हुई।

इस पार्किंग के भूतल और खुले मैदान में 45 बसें पार्क होती हैं। जबकि, प्रथम तल पर 24 कार पार्क होती हैं। जानकी चट्टी यमुनोत्री धाम का अंतिम सड़क पड़ाव है। जानकी चट्टी से जब तीर्थयात्री यमुनोत्री की यात्रा पर जाते है तो उनके लौटने तक वाहन जानकी चट्टी में ही पार्क होते हैं। जो पार्किंग बनी है, वह चारधाम आने वाले वाहनों के लिए पर्याप्त नहीं है।

गंगोत्री धाम: गंगोत्री में केवल 200 छोटे वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था है। जबकि, पीक सीजन में प्रतिदिन करीब 1200 वाहन गंगोत्री धाम पहुंचते हैं। ऐसी स्थिति में तीर्थ यात्रियों के वाहन चालकों को गंगोत्री धाम से दो किमी पहले हाईवे के किनारे वाहन खड़े करने पड़ते हैं। हाईवे पर वाहन खड़े करने का भी तीर्थ यात्रियों से पार्किंग शुल्क वसूला जाता है।

वर्षवार गंगोत्री व यमुनोत्री पहुंचे तीर्थ यात्रियों के वाहन

  • वर्ष, छोटे वाहन, बड़े वाहन
  • 2019-37,265-7,593
  • 2022-45,359-11,295
  • 2023-1,35,165-23,724

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