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गंगोत्री से ही गंदगी ढो रही है भागीरथी

गंगा (भागीरथी) के मायके गंगोत्री से गंदगी ढो रही है। क्‍योंकि अभी तक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार नहीं हो पाया है। इससे धर्मशालाओं व आश्रमों का सीवर ट्रीटमेंट नहीं हो पाया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 03 Dec 2016 08:59 AM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 07:00 AM (IST)

उत्तरकाशी, [शैलेंद्र गोदियाल]: गंगा (भागीरथी) के मायके गंगोत्री में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को तैयार होने में अभी पांच माह और लगेंगे, जबकि इस कार्य को नवंबर 2014 में पूर्ण हो जाना था, जो विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही के कारण अधर में रह गया। अब भी मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल जैसा महत्वपूर्ण कार्य होना बाकी है। हालांकि, निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) के अधिकारी दावा कर रहे कि अप्रैल 2017 में काम पूरा हो जाएगा। लेकिन, कैसे? इसका किसी के पास जवाब नहीं है। कारण, शीतकाल में तो काम ने बंद रहना है।

राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के तहत गंगोत्री में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की कवायद वर्ष 2010 में शुरू हुई थी। इसके लिए 1.0 एमएलडी एसटीपी के लिए 10.48 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ। इसमें 8.29 करोड़ रुपये निर्माण कार्य के लिए थे और बाकी सीवर प्लांट के पांच साल के सही संचालन के लिए।

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नियमानुसार इस योजना को नवंबर 2014 में पूरा होना था। लेकिन, तय सीमा के दो साल बीतने के बाद भी कार्य अधूरा पड़ा है। निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) ने अब तक गंगोत्री में केवल लाइन बिछाने का काम ही किया है। इस पर 5.55 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया गया है। अभी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के महत्वपूर्ण कार्य होने बाकी हैं।

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ये होगी परेशानी
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के तैयार न होने से बीते यात्रा सीजन में गंगोत्री के होटल, धर्मशालाओं व आश्रमों का सीवर ट्रीटमेंट नहीं हो पाया। फिलहाल कार्यदायी कंपनी ने शीतकाल के कारण काम बंद किया हुआ है। निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) के अधिकारियों का दावा है कि अप्रैल में काम पूरा हो जाएगा। जबकि, अप्रैल तक गंगोत्री धाम बर्फ से ढका रहता है और रास्ते भी बंद रहते हैं।

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सलिए नहीं हो पाए कार्य
निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) के परियोजना अधिकारी सुरेश पाल ने बताया कि कार्य पूरा करने में इसलिए परेशानी आई, क्योंकि गंगोत्री में साल के छह माह तो बर्फ रहती है। उस पर ठेकेदार ने भी बेहद धीमी गति से काम किया। काम समय पर पूरा हो सके, इसके लिए निविदा जारी कर दूसरे ठेकेदार को काम दिया गया।

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अब तक हो पाए ये कार्य
-2300 मीटर लंबी सीवर लाइन
-500 मीटर राइजिंग मेन का कार्य
-तीन पंप स्टेशन का निर्माण

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ये हैं बाकी कार्य
-प्लांट का मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल कार्य
-सीवर लाइन की फिनिसिंग
-सीवर लाइन को दूसरी ओर ले जाने के लिए ब्रिज
-रंगाई-पुताई का कार्य
-प्लांट को शुरू कराने का कार्य

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