गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर बन रहे नए डेंजर जोन
ऋषिकेश से गंगोत्री धाम के रास्ते में 52 डेंजर जोन हैं। यमुनोत्री राजमार्ग पर बड़कोट से जानकीचट्टी तक के हिस्से में 20 से भी ज्यादा डेंजर जोन हैं। ...और पढ़ें

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: ऋषिकेश से गंगोत्री धाम तक 251 किलोमीटर रास्ते में 52 डेंजर जोन हैं। यमुनोत्री राजमार्ग पर बड़कोट से जानकीचट्टी तक 45 किलोमीटर के हिस्से में 20 से भी ज्यादा डेंजर जोन हैं। इन दोनों हाईवे पर हर साल नये डेंजर जोन बन रहे हैं। इस बार गंगोत्री हाईवे पर तीन और यमुनोत्री हाईवे पर दो नये डेंजर जोन बने हैं।
चिन्यालीसौड़ से गंगोत्री तक 135 किलोमीटर हिस्सा गंगोत्री राजमार्ग में आता है। इसी सड़क पर सबसे अधिक डेंजर जोन हैं। ऋषिकेश से शुरू होने वाले गंगोत्री नेशनल हाईवे पर नगुण तक टिहरी जिले की सीमा में ही सात जगह भूस्खलन जोन हाईवे के लिए नासूर बने हुए हैं।
नगुण के बाद उत्तरकाशी जनपद में हाईवे की हालत और ज्यादा खराब है। नालूपाणी, बड़ेथी, रतूड़ी सेरा, बंदरकोट, नेताला, लालढांग, हेलगु गाड़, गंगनानी में हल्की बारिश में भी भूस्खलन का मलबा वाहनों की आवाजाही रोक देता है।
भले ही बीआरओ ने वर्ष 2015 व 2016 में इन स्थानों का ट्रीटमेंट किया, लेकिन अभी स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। इस बार गंगोत्री हाईवे पर तीन डेंजर जोन नये बने हैं। इनमें संगलाई, भुक्की तथा गोलमा शामिल हैं। पिछले 15 दिनों में इन तीन स्थानों पर 80 घंटे से अधिक समय तक हाईवे बाधित हो चुका है।
लगातार बढ़ते डेंजर जोन बीआरओ के लिए मुसीबत बन रहे हैं, जबकि यमुनोत्री राजमार्ग पर 20 डेंजर जोन हैं। इस बार दो नये डेंजर जोन ओरझा बैंड और ओजरी शामिल हैं। यहां भी पिछले 15 दिनों के अंतराल में 60 घंटे से अधिक समय से यातायात बाधित रहा है।
बीआरओ के कमांडर एससी लूनिया ने बताया कि गंगोत्री क्षेत्र में पहाड़ियां काफी कमजोर हैं। कई स्थानों पर भूमि दलदली होने के कारण भी परेशानी हो रही है। पुराने डेंजर जोन का उपचार किया जा रहा है। जो नये डेंजर जोन बने हैं, उनका भी वैज्ञानिक ढंग से उपचार किया जाएगा।

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