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केदारनाथ में वीआइपी दर्शनों पर प्रशासन सख्त, मंदिर समिति को अल्टीमेटम

केदारनाथ में हवाई सेवा से आने वाले श्रद्धालुओं को कराए जा रहे वीआइपी दर्शन पर प्रशासन ने सख्त एतराज जताते हुए बदरी-केदार मंदिर समिति को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 21 May 2017 09:32 AM (IST)Updated: Mon, 22 May 2017 06:00 AM (IST)
केदारनाथ में वीआइपी दर्शनों पर प्रशासन सख्त, मंदिर समिति को अल्टीमेटम
केदारनाथ में वीआइपी दर्शनों पर प्रशासन सख्त, मंदिर समिति को अल्टीमेटम

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन] : केदारनाथ में हवाई सेवा से आने वाले श्रद्धालुओं को कराए जा रहे वीआइपी दर्शन पर प्रशासन ने सख्त एतराज जताते हुए बदरी-केदार मंदिर समिति को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि यदि निर्धारित समय में व्यवस्था न सुधरी तो मजबूरन पुलिस-प्रशासन को मंदिर के भीतर की व्यवस्थाएं खुद संभालनी पड़ेंगी।  

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वीआइपी दर्शनों पर प्रशासन और मंदिर समिति के बीच लंबे समय से तनानती चल रही है। प्रशासन वीआइपी दर्शन पर रोक लगाने को कह चुका है, लेकिन समिति का कहना है कि मंदिर के भीतर की व्यवस्थाओं में प्रशासन हस्तक्षेप नहीं कर सकता। केदारनाथ में हेली सेवाओं से आने वाले यात्रियों से मंदिर समिति 2100 रुपये अतिरिक्त लेती है। मंदिर समिति का तर्क है कि हेलीकॉप्टर से आने वाले यात्री के पास समय कम होता है, इसीलिए शुल्क की एवज में उसे जल्दी दर्शन कराए जाते हैं। इसके लिए समिति ने व्यवस्था की है कि चार आम श्रद्धालुओं के बाद एक वीआइपी दर्शन होगा।

शनिवार को जिलाधिकारी ने मंदिर समिति के अधिकारियों के साथ बैठक में व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि केदारनाथ में श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ती जा रही है और आम लोगों को लाइन में घंटों इतजार करना पड़ रहा है। इससे कई बार विवाद की नौबत भी आ रही है।

दूसरी ओर बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने कहा कि मंदिर के भीतर की व्यवस्थाएं देखना समिति का संवैधानिक अधिकार है और इससे कोई नहीं छीन सकता। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाएं पूरी तरह दुरुस्त हैं।

सात घोड़ा संचालकों के लाइसेंस निरस्त

डीएम मंगेश घिल्डियाल ने निर्धारित से अधिक किराया लेने पर सात घोड़ा-खच्चर संचालकों के लाइसेंस निरस्त कर दिए। इसके अलावा उन्होंने घोड़ा-खच्चरों के किराए में बढ़ोतरी भी की। अब गौरीकुंड से केदारनाथ तक के लिए किराया 1400 से बढ़ाकर 1800 रुपये किया गया है। डीएम ने कहा कि यदि इसके बाद भी यात्रियों से अधिक किराया लेने की शिकायतें आई तो संचालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

हेली कंपनियों पर सख्त हुआ प्रशासन

बिचौलियों की हेली कंपनियों से मिलीभगत कर अधिक किराया वसूलने की शिकायतों को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। ऐसी कंपनियों का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। इस बाबत सभी कंपनियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि जो बुकिंग के बाद यात्रियों को ले जाने से मना करने अथवा तय दर से अधिक किराया वसूलने की शिकायत पर संबंधित हेली कंपनी का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। 

इस संबंध में शासन से भी निर्देश मिले हैं। कहा कि सभी कंपनियों को इस संबंध में सख्त हिदायत दे दी गई है। बताया कि प्रत्येक हेलीपैड पर प्रशासन व पुलिस की टीम मौजूद रहेगी, जो पता लगाएगी कि यात्रियों को बुकिंग के बाद भी परेशान तो नहीं किया जा रहा। किसी भी कीमत पर बिचौलियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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