ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी के अत्याधुनिक तकनीक से रामगाड़ नदी होगी पुनर्जीवित
जिले के रामगढ़ ब्लॉक में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से खेतीबाड़ी, बागबानी पर खासा असर पड़ा है। भूजल स्तर घट गया है। कम बारिश की वजह से करीब 30 फीसद जलस्रोत सूख चुके हैं।
नैनीताल, जेएनएन : जिले के रामगढ़ ब्लॉक में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से खेतीबाड़ी, बागबानी पर खासा असर पड़ा है। भूजल स्तर घट गया है। कम बारिश की वजह से करीब 30 फीसद जलस्रोत सूख चुके हैं। अब ब्रिटेन का न्यू कैशल यूनिवर्सिटी का कृषि विभाग रामगढ़ ब्लॉक के रामगाड़ नदी को पुनर्जीवित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक मुहैया कराएगा, ताकि ग्रामीणों की आजीविका पर पड़े संकट से निपटा जा सके। विवि ने इसकी सहमति प्रदान कर दी है।
न्यू कैशल विवि, कुमाऊं विवि और चिराग संस्था की ओर से रामगढ़ ब्लॉक अंतर्गत जल संरक्षण व जलवायु परिवर्तन पर आधारित परियोजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत ब्लॉक में तापमान मापने के दो आटोमेटेड, जबकि आधा दर्जन संयंत्र लगाए गए हैं। आधा दर्जन संयंत्रों के डेटा का रोजाना महिलाओं द्वारा आकलन किया जाता है। विवि के अध्ययन के अनुसार जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की वजह से रामगढ़ ब्लॉक में पारंपरिक जलस्रोत सूख रहे हैं। मुक्तेश्वर से निकलने वाली रामगाड़ नदी का 70 वर्ग किमी क्षेत्र जलवायु परिवर्तन के संकट से घिरा है। नदी के कैचमेंट के आसपास के 36 गांवों की करीब 30 हजार की आबादी की आजीविका व रहन सहन पर इसका असर पड़ा है। बारिश कम होने से जलस्रोत सूखे तो सिंचाई व पीने के पानी की दिक्कत हुई, साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम हुई।
न्यू कैशल विवि देगा तकनीकी सहयोग
कुमाऊं विवि के भूगोल विभाग के प्रो. पीसी तिवारी बताते हैं कि रामगाड़ नदी को पुनर्जीवित करने से पहले अध्ययन किया जाएगा। जिसमें इलाके की भू बनावट, मिट्टी की जांच की जाएगी। जिसके बाद न्यू कैशल विवि के कृषि विभाग का तकनीकी सहयोग लिया जाएगा। नैनीताल में ग्रामीणों के साथ संवाद को पहुंचे न्यू कैशल विवि के डॉ नेथन, डॉ डेविड व डॉ मेदजा ने इसके लिए हामी भरी। न्यू कैशल विवि का कृषि विभाग दुनियाभर के पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि विकास के लिए अत्याधुनिक तकनीक मुहैया कराने के लिए प्रसिद्ध है।
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